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Showing posts from October, 2011
समाज या राष्ट्रीय के विकाश दर्पण केवल दो अंक से परिलक्षित। 1. शारीरिक विकास 2. सांस्कृतिक विकास या कि समाज के राष्ट्रीय भौतिक विकास और सभ्यता बाहरी दृश्य कहा जाता है।  स्वास्थ्य Vesbhusha जीवित रहने के लिए आदि मनुष्य पूर्ति के लिए भव्य भवन विज्ञान प्रौद्योगिकी आर्थिक संसाधनों वृद्धि की प्रवृत्ति को बनाए रखने के लिए है। सभ्यता दिखाई दे बात धर की दहलीज के बाहर अन्य तरीकों से या शारीरिक विकास  आवश्यक है। आदिवासी समुदाय या आज की सभ्यता  चक्र  में स्वार्थी व्यक्तिवाद। मकान रियल एस्टेट गहने, गहने की दुकान, टीवी, फ्रिज आदि भ्रष्ट और याद नहीं है होड में भ्रष्ट से काम दिखा मिलता है। सरकार और राजनीति गले में बड़े पदों समुदाय की उम्मीदों को न जाने। समुदाय, संस्कृति, सभ्यता के शारीरिक विकास, आंतरिक विकास की रूपी रूपी कोर्स बंद कर दिया है। हम समाज के एक सोचा था, लेकिन देखना है कि, और क्यों व्यवहार में अंतर है। संस्कृति या हमारे तथाकथित बुद्धिजीवियों हमारी सरकारों के नाम पर कुछ हमारे बाहरी स्वरूप दिखाई दे रहा है कि सभ्यता की रक्षा करने की बात करते हैं।  यही करूणा दया माया मनुष्य का मनुष्य सहित