Skip to main content

Posts

Showing posts from April, 2014

आदिवासी समाज को वृहद क्रांति की आवष्यकता है ।

आदिवासी समाज को वृहद क्रांति की आवष्यकता है । कोलंबस ने 1442 में अमरीका जाकर वहां के मूलनिवासी रेडइन्डियन को लूटा । लगातार 15 वर्शों तक लूटता रहा इस लूट के दौरान उसने 10 करोड मूलनिवासी रेडइन्डियन को मौत के धाट उतारा । आज अमेरिका में केवल 65 हजार रेड इन्डियन बच गये हैं जो सत्ता संपत्ति से दूर जंगलों में रहने के लिये मजबूर हैं । अमेरिका में आज भी यूरोपियन नस्ल के लोगों का राज चल रहा है । एक भी मूलनिवासी मुख्यधारा में नहीं है । ठीक इसी तरह आज हमारे देष में आदिवासियों मूलनिवासियों के हालात हैं । आजादी के बाद से लगातार हमारी संख्या घटती जा रही है । प्लेन इलाकों से जंगल की ओर पलायन किये अब जंगलों में भी नाकाबंदी कर दी गई है । आदिवासी जायें तो जायें कहां । औदयोगिकरण के नाम पर नहर बांध जलाषय तथा खनिज खनन के नाम पर लगातार विस्थापन की मार झेलता आदिवासी देष के हर कोने में अस्त व्यस्त हो चुका है । अपनी सभ्यता संस्कृति भाशा धर्म को सुरक्षित रख पाने में अपने आप को लाचार पा रहा है । यही चलता रहा तो तो अमेरिका के रेडइन्डियन की भांति देष की मूल धारा से सदैव के लिये अलग थलग होकर अपने अस्तित्व बचाने के

मूलनिवासियों को आजादी के लिये संघर्श करने की आवष्यकता है ।

 मुझे लगता है कि हम  मूलनिवासियों को आजादी के लिये संघर्श करने की आवष्यकता है । इस संघर्श को आरंभ करने के पहले मूलनिवासी कौन इस बात की जानकारी देना जरूरी होगा । अन्यथा हमारे मूलनिवासी जन ही हमारे विरूद्ध खडे हो जायेंगें । अंग्रेजों की सत्ता जाने के बाद उनके ही नस्ल के आर्यों के हाथ में देष की सत्ता आ गई है । जलवायु के कारण चेहरा और रंग  बदल जाने से खून नहीं बदलता संस्कार नहीं बदलते यही कारण है कि जिन अंग्रेजों ने देष में लम्बे समय तक राज्य करने के लिये आजादी के पहले अंग्रेजों ने इन्डिया एक्ट बनाया था वही कानून आज तक हमारे देष में चल रहा है । भू अधिग्रहण कानून अंग्रेजों ने ही ईस्ट इन्डिया कम्पनी को जमीन दिलाने के लिये बनाया था ताकि कानून के चलते कोई विरोध ना हो । सरकार किसी भी किसान को जमीन खाली करने का एक नोटिस देकर जमीन को विदेषी कम्पनियों को दे देती थी । आज भी उसी तरह हो रहा है । कुछ संषोधन अभी हुए हैं फिर भी ग्रम सभाओं की नहीं सुनी जा रही है । कलेक्टर के द्वारा सरपंच को धारा 40 का भय बताकर ग्राम सभा से नकली सहमति पत्र बनवाकर आज भी किसानों की जमीने प्रायवेट तथा बहुराश्टीय कम्पनियों

dharti mata divas