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Showing posts from May, 2016

"अनुसूचित वर्गों के अधिकारों पर कुठाराघात !

"अनुसूचित वर्गों के अधिकारों पर कुठाराघात के विरूद्ध सामाजिक संगठन,राजनीतिक दलों का मोर्चा बनाकर संधर्ष का निर्णय ।" भोपाल- दिनांक 14.5.2016 को मयूर पार्क भेपाल में अनुसूचित वर्गों के कर्मचारियों को प्रमोशन में आरक्षण के विरूद्ध लिये गये हाईकोर्ट द्वारा लिये निर्णय को चुनौती देने के लिये अज्जाक्स, गोंडवाना कर्मचारी संघ, गोंडवाना गणतंत्र पार्टी, कोयतोड गोंडवाना महासभा, भारतीय बुद्धिष्ट संघ, रा0आमजन पार्टी, आदिजन मुक्ति सेना, रा0 पिछडा वर्ग संगठन, आरक्षण बचाओं संघर्ष मोर्चा सह ित 2 पूर्व विधायक एवं अधिकारी, कर्मचारी सम्मिलित हुए जिसमें सभी संगठन मिलकर जिसमें सत्ताधारी दल या विपक्ष के उन दलो के विधायक और उन दलों के अनुसूचित मोर्चा या इकाई के सांसद या विधायक को भी मोर्चा में शामिल किये जाने हेतु आव्हान किया जायेगा, यदि किसी दल का अनु0 वर्ग का व्यक्ति इस मुहिम को अपना समर्थन नहीं देता है तो संयुक्त मोर्चा पूरे प्रदेश में एैसे जनप्रतिनिधियों के खिलाफ जनता को तैयार करेगी । मोर्चा कानूनी दस्तावेजो का अध्ययन कर उचित कार्यवाही की रूपरेख बना रही है । इस बीच सभी संगठनो से अपील भी कर

"मूलनिवासियों में स्ंविधान की बढती समझ का असर"

भारत रत्न डा भीमराव अम्बेडकर जयन्ति के उपलक्ष्य में सभी मित्रों को बधाई । "मूलनिवासियों में स्ंविधान की बढती समझ का असर" 1950 के बाद से मूलनिवासियों के लिये जब से हक और अधिकारों को संविधान में लिखित रूप में लाया गया तब से मूलनिवासी विरोधी, संविधान विरोधी भी बन चुका है । यही कारण है कि एक अच्छे संविधान को देश में पूर्ण रूप से लागू करने के बजाय जनहित का वास्ता देकर अनेक संशोधन कर डाले जिसमें अधिकतर मूलनिवासियों के महत्वपूर्ण अधिकारों पर ही कुठाराधात किया गया है । सत्ताध ारियों की कुदृश्टि लगातार संविधान को पूरी तरह बदलने पर है । देश में जिन संगठनो समूहो व्यक्तियों ने संविधान प्रदत्त अधिकारों के पक्ष में अपनी आवाज को बुलंद कारने का प्रयास किया उन्हे किसी ना किसी तरह देश में आतंकवादी. अलगाववादी. नक्सलवादी और अब राश्टद्रोही के रूप में भी प्रस्तुत करने का प्रयास किया जाता है । 1. सबसे पहले आतंकवाद के नाम पर देश में हिन्दु बनाम मुस्लिम मानसिकता पैदा करने का प्रयास किया गया जो आज भी जारी है । 2. अलगाववाद के नाम पर सिख और बोडो इलाके के लोगों को बदनाम करने का प्रयास किया गया । 3. नक

"रोहित वेमुला के भाई और मा ने हिन्दू धर्म त्यागा "

"रोहित वेमुला के भाई और मा ने हिन्दू धर्म त्यागा " हमारे देश में १४ अप्रैल २०१६ को एक बडी घटना" धर्मांतरण को लेकर घटी है। जिसने २६ सौ साल पहले मनुवादी व्यवस्था की अमानवीयता से उपजे बौद्ध धर्म, इसी मनुवादी व्यवस्था से मुक्ति पाने के लिए जैन पन्थ , सिख पन्थ तथा मुस्लिम और ईसाई धर्म में इस देश का मूलनिवासी आश्रय लेकर कुछ राहत से सम्मान से जीवन जी रहा है। बुद्धिजीवी अब पूरी तरह से आश्वस्त हो रहा है कि कथित"हिन्दू" नाम के इस धर्म में केवल ब्राह्मण ही सुख,सम्रद्धि और सम्मान का हकदार है बाकी लोग केवल अपमान सहते हुए"फील गुड" में जीने को अपना भाग्य और नियति माने ।

कोर्ट का सहारा लेकर इस देश में फासीवाद या तानाशाही शासन की नीव

"आरक्षण सहित हर बात पर कोर्ट का सहारा लेकर इस देश में फासीवाद या तानाशाही शासन की नीव जमाना चाहता है आर एस एस ।" ''इस विषय की गहराई में जायें तो बहुत दूर तक इसके परिणाम को महसुस करो तब पता लगेगा कि जब से इस देश में आर एस एस जैसी विचारधारा ने अपने पैर जमाने शुरू किये थे तब से ही प्रयास था कि इस देश में मूलनिवासियों को कब्जे में रखने के लिये प्रजातांत्रिक संविधानिक व्यवस्था के चलते क्या किया जा सकता है । सो इस विचारधारा के पोषक जो कि कांग्रेस भाजपा सहित अन्य पार्टियो ं में बकायदा मौजूद हैं । जो समय समय पर मूलनिवासियों के विरूद्ध तानाबाना बुनने में सहायक होते रहे हैं । आजादी के आरंभिक वर्षों में अपने आप को मजबूत करने में लगाये । एक ओर भारतीय संविधान में मूलनिवासियों के हित में अंकित प्रावधान आरक्षण के माध्यम से शासन प्रशासन में लगातार बढते प्रतिनिधित्व के कारण से इनको परेशानी होने लगी भय ओर आतंक से अपनी विचारधारा को स्थापित करने में संविधान आडे आता है इसलिये इन्हाने अपने लिये हर विषय के लिये निराकरण का रास्ता निकाला कोर्ट का जिसमें न्याय का वास्ता देकर आपके हितो में