"कोई हारेगा कोई जीते, यहां तो हमें जीतना है।" मूलनिवासी समुदाय को किसी मनुवादी दल या मनुवादी समुदाय के राष्ट्र वाद के नारे के झांसे में नहीं आना है,ना ही कांग्रेस भाजपा के गुलाम आदिवासी कार्यकर्ता या जनप्रतिनिधियों के चक्कर में पड़ना है। कांग्रेस या कांग्रेस का गुलाम आदिवासी कार्यकर्ता, हमें भय दिखायेगा कि गोंडवाना गणतंत्र पार्टी को वोट देने से भाजपा जीत जायेगा हमारे अधिकार छिन जायेंगे आरक्षण खत्म हो जाएगा आदि आदि.....पर आपको तुरंत जवाब देना होगा,कि जब मूलनिवासियों के अधिकारों पर हमला किया जा रहा था तब कांग्रेस करता कर रही थी। ईवीएम मुद्दे पर आज क्यों मौन है। हमारे अधिकारों का हनन करने वाले समुदाय को मूलनिवासी जनसंख्या के अनुपात में अधिक विधानसभा टिकिट क्यों दे रही है।जब हमारी पार्टी है तो हमें भी अपने मूलनिवासी समुदाय को साथ लेकर सरकार बनाना है। कौन जीतेगा कौन हारेगा इससे हमें कोई सरोकार नहीं। हमें तो अपनी पार्टी को जिताना है। अपनी समस्या का समाधान हम अपने हाथों से करेंगे। विधानसभा मप्र को अब गोंडवानामय करेंगे। इतना जवाब तैयार रखें।-gsmarkam