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Showing posts from October, 2018

कोई हारे , हमें जीतना है

"कोई हारेगा कोई जीते, यहां तो हमें जीतना है।" मूलनिवासी समुदाय को किसी मनुवादी दल या मनुवादी समुदाय के राष्ट्र वाद के नारे के झांसे में नहीं आना है,ना ही कांग्रेस भाजपा के गुलाम आदिवासी कार्यकर्ता या जनप्रतिनिधियों के चक्कर में पड़ना है। कांग्रेस या कांग्रेस का गुलाम आदिवासी कार्यकर्ता, हमें भय दिखायेगा कि गोंडवाना गणतंत्र पार्टी को वोट देने से भाजपा जीत जायेगा हमारे अधिकार छिन जायेंगे आरक्षण खत्म हो जाएगा आदि आदि.....पर आपको तुरंत जवाब देना होगा,कि जब मूलनिवासियों के अधिकारों पर हमला किया जा रहा था तब कांग्रेस करता कर रही थी। ईवीएम मुद्दे पर आज क्यों मौन है। हमारे अधिकारों का हनन करने वाले समुदाय को मूलनिवासी जनसंख्या के अनुपात में अधिक विधानसभा टिकिट क्यों दे रही है।जब हमारी पार्टी है तो हमें भी अपने मूलनिवासी समुदाय को साथ लेकर सरकार बनाना है। कौन जीतेगा कौन हारेगा इससे हमें कोई सरोकार नहीं। हमें तो अपनी पार्टी को जिताना है। अपनी समस्या का समाधान हम अपने हाथों से करेंगे। विधानसभा मप्र को अब गोंडवानामय करेंगे। इतना जवाब तैयार रखें।-gsmarkam

गोंडवाना का उठता ज्वार

"गोंडवाना के उठते ज्वार को कमजोर करने कांग्रेस भाजपा सक्रिय।" गोंडवाना के राजनीतिक आंदोलन के लिए २०१८ सुनहरा अवसर है, समाज को इस अवसर से नहीं चूकना चाहिए। कांग्रेस से गठबंधन की संभावनाएं क्षीण होते ही, कांग्रेस मानसिकता के छद्मवेशी आदिवासी जो कि गोंडवाना से गठबंधन की आस लगाकर गोंडवाना की टिकिट पाने के लिए सक्रिय थे पर जैसे जैसे गोंडवाना के टिकटों की आधिकारिक घोषणा होने लगी तब कांग्रेस ने अन्य क्षेत्रों में अपने प्रायोजित लोगों को गोंडवाना से टिकिट पाने के नाम पर आगे आने तथा टिकिट नहीं मिलने पर विरोध का वातावरण तैयार करने का प्रयास किया जाने लगा है। कुछ गोंडवाना के लोग भी थोड़ी सी लालच के कारण प्रायोजित कांग्रेसी टिकिटार्थियों को टिकिट दिलाने की कोशिश करते दिखाई दे रहे हैं। ताकि प्रायोजित प्रत्याशी समय पर कांग्रेसी प्रत्याशी को परोक्ष मदद कर सके। अभी दूसरे दौर का हमला भाजपा की ओर से होगा जिसमें क्षेत्रों से गोंगपा कार्यकर्ता या समाज में थोड़ा बहुत प्रतिष्ठित व्यक्ति को चुनाव लडने के लिए उकसाया जायेगा। ऐसे निर्दलीय लोगों की संख्या काफी हो सकती है जो फार्म भरने से लेकर उठाने न

NTPA IN INDIA

NTPA (नेशनल ट्रायबल पार्टी एलाईंस) की गठन प्रक्रिया सम्पन्न । गोंडवाना भूभाग के आदिवासी नेतृत्व वाले प्रमुख दल  जीजीपी (GGP), बीटीपी (BTP) अभागोंपा (ABGP) एवं झारखंड पार्टी सहित इन पार्टियों के संस्थापक/अध्यक्ष एवं प्रमुख पदाधिकारियों जिसमें प्रमुख रूप से  मा० छोट भाई वसावा (विधायक) गुजरात,मा०हीरासिंह मरकाम पूर्व विधायक छग, मा० देव कुमार धान पूर्व मंत्री झारखंड, एवं मा० महेश भाई वसावा विधायक गुजरात , मा० दरबू सिंह उईके पूर्व विधायक मप्र एवं गुलजार सिंह मरकाम संयोजक गोंगपा की प्रमुख उपस्थिती में दिल्ली स्थित इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ शोसल साइंस हाल,लोदी रोड नई दिल्ली में दिनांक १४/११/२०१८ को विधिवत "नेशनल ट्रायबल पार्टी  ‌एलाईंस" (NTPA) की नींव रख दी गई। सभी वक्ताओं ने इस पहल को भारतीय राजनीति में राष्टीय स्तर पर आदिवासी नेतृत्व उभारने के लिए अहम फैसला बताया। NTPA में शामिल के सभी दलों के प्रमुखों ने देश के विभिन्न राज्यों में होने वाले चुनावों में एक दूसरे को सहयोग और समर्थन देने की वचनबद्धता दोहराई तथा २०१९ के आम चुनाव में आरक्षित ४७ संसदीय क्षेत्र सहित जिन अनारक्षित संसदीय क

पिंक पाईंट का समय है गोंडवाना में भटकाव न हो।

"पिंक पाईंट का समय है गोंडवाना में भटकाव न हो" कांग्रेस का गोगपा से गठबंधन नहीं हो पा रहा है, पहला गोगपा को कमजोर करने के नेशनल लोगों को लेकर कांग्रेसी प्रयास विफल होने के बाद गठबंधन के फेल होने की स्थिति में अगला दूसरा पुनः प्रयास किया जाने लगा है इसलिए वह गोंडवाना के बीच वोट विभाजन की तकनीक का प्रयास कर रहा है। गोंडवाना के युवा हों या समर्थक यह समझ लें कि मप्र चुनाव २०१८ गोडवाना के लिए अस्तित्व और अस्मिता रक्षा के लिए राजनीति का अंतिम अवसर होगा । ऐसे अवसर को हम अपने हाथों से जाने ना दें। व्यक्तिगत बुराई या ईगो को दरकिनार कर। गोंडवाना को मजबूत करने में लग जायें यहीं मेरा निवेदन है। राजनीतिक उठा-पटक और होने वाले तोड़ फोड़ की आशंकाओं को मैंने पूर्व से ही शोसल मीडिया के माध्यम से अवगत कराया है। आशा है मेरे पिछले पोस्टों का पुनर्पाठ करेंगे । बस इतना ही संदेश समझदारी के लिए काफी है।जय सेवा जय जोहार।-(गुलजार सिंह मरकाम रा०संयोजक गोंगपा एवं महासचिव-NTPA)