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Showing posts from July, 2019

९अगस्त और ८ प्रतिशत भारत के लोग

"९अगस्त और ८ प्रतिशत भारत के लोग" मूलवासी, आदिवासी, इंडीजीनियस, देशज कौन,जनजाति की सूची  में शामिल मात्र 8 प्रतिशत लोग या इसके अतिरिक्त,जनजाति कायदों को जिंदा रखने वाला आसाम,बिहार, अंडमान निकोबार या अन्य राज्य का व्यक्ति जो जनजाति की सूची में ना होकर पिछड़ा वर्ग या अनु-जाति की सूची में शामिल है। प्रश्न पेचीदा है पर हमारी आंख खोलने के लिए काफी है। हमे विश्व आदिवासी/मूलवासी या इंडीजीनियस दिवस पर यूनिटी चाहिए या शब्दजाल में फंसकर बिखराव ? जरा सोचो ! (गुलजार सिंह मरकाम रासंगोंसक्रांआं)

"भारत में फासीवादी राजनीति आरंभ हो चुकी है।"

"भारत में फासीवादी राजनीति आरंभ हो चुकी है।" प्रधानमंत्री मोदी ने देश के सभी राजनीतिक दलों को ईवीएम के माध्यम से भयभीत कर दिया है,कुछ विपक्षी दल के सांसदों को मोदी और शाह की टीम ने प्रायोजित तरीके से जितवाया है और हरवाया भी है, जिसमें ईवीएम का रोल महत्वपूर्ण रहा है देश के सभी विपक्षी राजनीतिक दल अपने आप को कमजोर महसूस कर रहे हैं अब उनके नेता मोदी की कृपा से जीतने के लिए मोदी के खिलाफ कुछ नहीं बोल रहे हैं यदि ज्यादा बोला तो जांच बैठा दी जाती है यह सीधा सीधा दबाव और आतंक की राजनीति है जिसमें सभी विपक्षी दलों को एकजुट होकर साथ ही सामाजिक संगठनों का साथ लेकर मोदी के इस आतंक को रोकना होगा अन्यथा भय और आतंक इतना बढ़ जाएगा की सरकार कुछ भी करें उसके खिलाफ कोई भी नहीं बोल पाएगा अंततः इस देश में आर एस एस की कल्पना को एकात्म राष्ट्रवाद या जिसे फासीवाद भी कहा जा सकता है के माध्यम से देश का शासन चलने लगेगा तब फासीवाद का कोई विरोधी नहीं होगा सिर्फ फासीवाद के आसरे पर उनके इशारों पर चलने वाला ही खड़ा हो सकता है आंदोलनकारियों को या तो जेल या तो माबलिंचिग के माध्यम से हटा दिया जाएगा यही है फ

"9 अगस्त आदिवासियों के विकास की समीक्षा का दिवस है"

"9 अगस्त आदिवासियों के विकास की समीक्षा का दिवस है" 9 अगस्त विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर यदि हम जिस भी स्तर, राज्य/ जिला/विकास खण्ड या ग्राम स्तर पर समारोह का आयोजन कर रहे हैं, ऐसे मौके पर उस स्तर के प्रशासनिक अधिकारी को उपस्थित रहने के लिए आयोजन समिति के द्वारा पत्र लिखकर आमंत्रित करें ताकि उस स्तर पर जनजातियों की अब तक हुए विकास तथा  किए गए प्रशासनिक प्रयास की समीक्षा हो सके। राज्य स्तर पर प्रमुख सचिव आदिम जाति कल्याण विभाग जिला स्तर पर सहायक आयुक्त तथा विकासखंड स्तर पर विकासखंड अधिकारी तथा ग्राम स्तर पर पंचायत के सचिव को आमंत्रित करें । ताकि वह आदिवासियों के हित में अब तक किए गए प्रयासों की रिपोर्ट तैयार करके समारोह में उपस्थित हो तथा सबके सामने उस रिपोर्ट का वाचन करें। साथ ही जनता द्वारा आदिवासी हित में लिए गए निर्णयों के प्रस्ताव पर स्वयं के भी हस्ताक्षर सहित उच्च एजेंसी को अग्रेषित करे। यही सार्थकता है विश्व आदवासी दिवस मनाए जाने की ! (गुलजार सिंह मरकाम रासंगोंसक्रांआं)