आदिवासी समाज को वृहद क्रांति की आवष्यकता है । कोलंबस ने 1442 में अमरीका जाकर वहां के मूलनिवासी रेडइन्डियन को लूटा । लगातार 15 वर्शों तक लूटता रहा इस लूट के दौरान उसने 10 करोड मूलनिवासी रेडइन्डियन को मौत के धाट उतारा । आज अमेरिका में केवल 65 हजार रेड इन्डियन बच गये हैं जो सत्ता संपत्ति से दूर जंगलों में रहने के लिये मजबूर हैं । अमेरिका में आज भी यूरोपियन नस्ल के लोगों का राज चल रहा है । एक भी मूलनिवासी मुख्यधारा में नहीं है । ठीक इसी तरह आज हमारे देष में आदिवासियों मूलनिवासियों के हालात हैं । आजादी के बाद से लगातार हमारी संख्या घटती जा रही है । प्लेन इलाकों से जंगल की ओर पलायन किये अब जंगलों में भी नाकाबंदी कर दी गई है । आदिवासी जायें तो जायें कहां । औदयोगिकरण के नाम पर नहर बांध जलाषय तथा खनिज खनन के नाम पर लगातार विस्थापन की मार झेलता आदिवासी देष के हर कोने में अस्त व्यस्त हो चुका है । अपनी सभ्यता संस्कृति भाशा धर्म को सुरक्षित रख पाने में अपने आप को लाचार पा रहा है । यही चलता रहा तो तो अमेरिका के रेडइन्डियन की भांति देष की मूल धारा से सदैव के लिये अलग थलग होकर अपने अस्तित्व बचाने के...