"कांग्रेस ने ही अतिवादी राष्ट्र की नींव रखी थी।" वर्तमान भारतीय राजनीति में लोकतांत्रिक मूल्यों का ल्हास हो रहा है, लोकतंत्र के प्रमुख स्तंभ न्याय पालिका, कार्यपालिका, व्यवस्थापिका और मीडिया यदि चारण की भूमिका में दिखाई दे रहे हैं। इसका जिम्मेदार भी कांग्रेस ही है। धार्मिक उन्माद के माध्यम से आर एस एस के तानाशाही विचारधारा की नींव रखवाने वाले भी इन्हीं के पुरोधा रहे हैं। भारत का संविधान राष्ट्र को समर्पित करते हुए डा.भीमराव अंबेडकर जी ने कहा था कि "किसी देश का संविधान कितना ही अच्छा हो यदि उसके चलाने वाले अच्छे नहीं होंगे तो वह संविधान अच्छा परिणाम नहीं दे सकता, वहीं किसी देश का संविधान कितना भी खराब हो यदि उसके चलाने वाले अच्छे होंगे तो खराब संविधान भी अच्छा परिणाम दे सकता है।" कहने का मतलब स्पष्ट है कि संविधान के माध्यम से स्वतंत्र भारत का संचालन जिन हाथों में आया इसके कर्ताधर्ता भी आर एस एस के छद्म कांग्रेसी नेता रहे हैं। जिन्होंने शनै शनै आज की परिस्थितियों ...