"एक मूर्ख कलेक्टर की सोच " हमारी सांस्कृतिक मान्यताएं ,जिसमे गांव के लोग अपने ग्राम का बंदोबस्त करते है जिसमें अन्य बाहरी गांव के लोगों का उस समय आना वर्जित है ,इसे कलेक्टर छिंदवाड़ा द्वारा अंधविस्वास कहा जा रहा है ! उसे क्या पता गांव स्थापना का आधार क्या है ,गांव में क्या संस्कार होते हैं, गांव कैसे बसाये जाते हैं ! जिन गावं ने शहर निर्माण की नींव रखी है उनके संस्कार और वह अन्धविस्वासी ! शहरों के पढ़े लिखे जो पत्थर में पानी चढ़ा रहेस्वर्ग नरक पर विश्वास करते हैं वे ज्ञानी ! 1. Harilal Watti प्रकृति के रहश्य को जानने वाला यह कोयतुड़ियन समाज अनावश्यक दिखावा या अव्यहवारिक कोई भी ऐसा कार्य नहीं करते । बल्कि वही कार्य करते हैं जो व्याहवारिक और विज्ञान सम्मत है। उदा. के तौर पर हमारे धर्म गुरु पहांदी पाड़ी कुपार लिंगो बाबा ने चार प्रकार के खून वर् ग समूह के आधार पर अलग अलग गोत्र व्यवस्था स्थापित कर वैवाहिक संबंधों की विज्ञान सम्मत धारणा ( जिसको धारण किया जा सके ) प्रस्तुत की तथा प्रत्येक गोत्र के साथ एक वनस्पति एक जीव को जोड़ा ताकि मनुष्य उस जीव एवं वनस्पति का सम्मान एवं सुरक्षा करे...