"सावधान गोंडवाना के मूलनिवासी आदिवासी "
जिस तरह बामन कथा में बामन द्वारा केवल आवाज में "स्वाहा" बोल देने से पूजा करने वाला भौतिक हरकत कर अन्न को बिना सोचे समझे अग्नि में डाल देता है ,इसी संस्कार के बल पर आज आर एस एस की विचारधारा सत्ता पाने में सफल हुई है ! उन्होंने जय श्रीराम का नारा लगाया, लोग भौतिक हरकत में आ गए, जिसे वे मंदिर कहते हैं आपने बिना सोचे समझे मंदिर को ही ढहा दिया !लक्छ्य तुम्हारा नहीं उनका सफल हुआ ! आज की केंद्र सरकार इसी फार्मूले से बानी है ,इन्हें भारतीय मानसिकता की पूरी समझ है , बुद्धि विवेक और संवेदना शून्य जनमानस मशीन बन कर रह गया है ,केवल स्वाहा के सेंसर से हरकत में आ जाती है ! बुद्धि विवेक रूपी संवेदनशीलता की कमी के कारण, उस पर हो रही जुल्म ज्यादती का असर उस पर नहीं होता ! आज मोदी लम्बी चौड़ी बात कर सबको प्रभावित कर देता है केवल आवाज है ,संस्कारित जनमानस उस सेंसर से लिंक्ड है हरकत में आ जाता है ! यही फार्मूला था हिटलर का ,यही दर्शन है फासीवाद का इसी को अधिनायकवाद कहते है, ,जिसे संघ ,भाजपा के माध्यम से देश में स्थापित करना चाहती है ! "सावधान गोंडवाना के मूलनिवासी आदिवासी "
जिस तरह बामन कथा में बामन द्वारा केवल आवाज में "स्वाहा" बोल देने से पूजा करने वाला भौतिक हरकत कर अन्न को बिना सोचे समझे अग्नि में डाल देता है ,इसी संस्कार के बल पर आज आर एस एस की विचारधारा सत्ता पाने में सफल हुई है ! उन्होंने जय श्रीराम का नारा लगाया, लोग भौतिक हरकत में आ गए, जिसे वे मंदिर कहते हैं आपने बिना सोचे समझे मंदिर को ही ढहा दिया !लक्छ्य तुम्हारा नहीं उनका सफल हुआ ! आज की केंद्र सरकार इसी फार्मूले से बानी है ,इन्हें भारतीय मानसिकता की पूरी समझ है , बुद्धि विवेक और संवेदना शून्य जनमानस मशीन बन कर रह गया है ,केवल स्वाहा के सेंसर से हरकत में आ जाती है ! बुद्धि विवेक रूपी संवेदनशीलता की कमी के कारण, उस पर हो रही जुल्म ज्यादती का असर उस पर नहीं होता ! आज मोदी लम्बी चौड़ी बात कर सबको प्रभावित कर देता है केवल आवाज है ,संस्कारित जनमानस उस सेंसर से लिंक्ड है हरकत में आ जाता है ! यही फार्मूला था हिटलर का ,यही दर्शन है फासीवाद का इसी को अधिनायकवाद कहते है, ,जिसे संघ ,भाजपा के माध्यम से देश में स्थापित करना चाहती है ! "सावधान गोंडवाना के मूलनिवासी आदिवासी "
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