"Policy of great leader kansiram"
कांशीराम ने अपने जीते जी किसी सवर्ण को राष्ट्रीय पदाधिकारी नहीं बनाया उनका कहना था कि हमारे गुप्त एजेंडा की जानकारी इन्हें ना हो,जब तक बहुजन समाज अपने पैरों पर खड़ा होकर उनकी अगुवाई के लायक ना बन जाए , परिणाम सामने था एक दलित महिला मायावती को मुख्यमंत्री पद मिला।जब तक बहुजन समाज पार्टी तथा मायावती कांशीराम के निर्देश पर चली तीन बार मुख्यमंत्री बनने का मौका मिला।परंतु जब से मायावती ने सवर्णों को उच्च पदों पर बैठाना शुरू कर दिया। सरकार बनाना,दूभर हो गया। क्या गोंडवाना को इससे सबक लेकर केवल गोंडवाना का मूलनिवासी,अजा/जजा/पिछड़ा वर्ग/अल्पसंख्यक को महत्त्वपूर्ण जिम्मेदारी देकर गोंडवाना के राजनीतिक आंदोलन को आगे बढ़ाया नहीं जा सकता ? हमें गोंडवाना के मूलनिवासियों को प्राथमिकता देना चाहिए इन्हें महत्त्व देना चाहिए,ना कि सवर्णों को।
-गुलजार सिंह मरकाम (राष्ट्रीय संयोजक अगोंसक्रांआं )
कांशीराम ने अपने जीते जी किसी सवर्ण को राष्ट्रीय पदाधिकारी नहीं बनाया उनका कहना था कि हमारे गुप्त एजेंडा की जानकारी इन्हें ना हो,जब तक बहुजन समाज अपने पैरों पर खड़ा होकर उनकी अगुवाई के लायक ना बन जाए , परिणाम सामने था एक दलित महिला मायावती को मुख्यमंत्री पद मिला।जब तक बहुजन समाज पार्टी तथा मायावती कांशीराम के निर्देश पर चली तीन बार मुख्यमंत्री बनने का मौका मिला।परंतु जब से मायावती ने सवर्णों को उच्च पदों पर बैठाना शुरू कर दिया। सरकार बनाना,दूभर हो गया। क्या गोंडवाना को इससे सबक लेकर केवल गोंडवाना का मूलनिवासी,अजा/जजा/पिछड़ा वर्ग/अल्पसंख्यक को महत्त्वपूर्ण जिम्मेदारी देकर गोंडवाना के राजनीतिक आंदोलन को आगे बढ़ाया नहीं जा सकता ? हमें गोंडवाना के मूलनिवासियों को प्राथमिकता देना चाहिए इन्हें महत्त्व देना चाहिए,ना कि सवर्णों को।
-गुलजार सिंह मरकाम (राष्ट्रीय संयोजक अगोंसक्रांआं )
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