ज्यूडिशियल और नान ज्यूडिशियल"
ज्यूडिशियल और नान ज्यूडिशियल पर बात करने वाले आदिवासी मूलनिवासी केवल चर्चा में नान ज्यूडिशियल हैं, व्यवहार में ज्यूडिशियल व्यवस्था को गले गले तक मानते हैं, ऐसी टीमें आत्ममुग्धता में ही जीती हैं, बुद्धि विवेक विज्ञान संविधान के ऊपर अपने आप को मानती हैं। ऐसे मित्रों से मेरी विनम्र अपील है कि, विचार और व्यवहार में समानता लायें। मेरे विचारों से किसी को दुख पहुंचा हो तो क्षमा चाहता हूं। मेरा मानना है.....
"अपनी भाषा धर्म संस्कृति परंपरा को पकड़कर रखो, जकड़ कर रखो लेकिन वर्तमान में जियो"
- गुलजार सिंह मरकाम
राष्ट्रीय संयोजक गोंडवाना समग्र क्रांति आंदोलन
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