आदिवासी आन्दोलन
आदिवसी नवजवानों को यह जानकरी अवश्य हो कि आप जो काम कर रहे हैं वह भविष्य में सारी दुनिया को मानना ही पडेगा आप प्रकतिवाद के पुजारी हैं, सबको आज नहीं तो कल उसकी जरूरत होगी ही, कारण कि अति का अंत भी होता है । यही कारण् है कि उस अति के समय जब इंसान सब कुछ भुला देगा तब हमारे पुरातन मानवीय मूल्यों आधारित संस्कति जिसे प्रत्येक राष्ट ने जनजातीय संस्कति को सहेजकर रखने कं प्रावधान रखे हैं ताकि मानवता की विषम परिस्थिति में काम आयेगी इसी तरह इन मूल्यों को '' संयुक्त राष्ट संघ ''ने भी महत्ता के साथ संरक्षित रखा है । आपका काम आपका प्रकतिवादी जनचेतना का संघर्ष व्यर्थ नहीं जायेगा । थोडी सी चकाचैंाध्, क्षणिक सफलता, से प्रभवित होने की आवश्यकता नहीं है । कमजोर लोग भावनाओं में बह जाते हैं भावनाओं में बहकर उसे आत्मसात कर लेना मूर्खता होती है बुद्धि विवेक के लिये भी जगह बचाकर चलो ।
आदिवसी नवजवानों को यह जानकरी अवश्य हो कि आप जो काम कर रहे हैं वह भविष्य में सारी दुनिया को मानना ही पडेगा आप प्रकतिवाद के पुजारी हैं, सबको आज नहीं तो कल उसकी जरूरत होगी ही, कारण कि अति का अंत भी होता है । यही कारण् है कि उस अति के समय जब इंसान सब कुछ भुला देगा तब हमारे पुरातन मानवीय मूल्यों आधारित संस्कति जिसे प्रत्येक राष्ट ने जनजातीय संस्कति को सहेजकर रखने कं प्रावधान रखे हैं ताकि मानवता की विषम परिस्थिति में काम आयेगी इसी तरह इन मूल्यों को '' संयुक्त राष्ट संघ ''ने भी महत्ता के साथ संरक्षित रखा है । आपका काम आपका प्रकतिवादी जनचेतना का संघर्ष व्यर्थ नहीं जायेगा । थोडी सी चकाचैंाध्, क्षणिक सफलता, से प्रभवित होने की आवश्यकता नहीं है । कमजोर लोग भावनाओं में बह जाते हैं भावनाओं में बहकर उसे आत्मसात कर लेना मूर्खता होती है बुद्धि विवेक के लिये भी जगह बचाकर चलो ।
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