"जो छूट रहे उन्हें साथ लो "
आज के दौर में मूलनिवासी समुदाय के बहुत से पढ़े लिखे नवजवान किसी न किसी माध्यम से अपने विभिन्न सगा समूह विचार विमर्श में लगे हुए हैं ! आपस में आदिवासी एकता ,पर चिंतन कर रहे हैं ,देश की जनजातियों में अधिक बड़ी संख्या वाला समूह जिसमें गोंड ,भील ,मीणा ,उराव् हल्बा मुंडा आदि समूह आगे आ रहा है ,लेकिन हमारे बीच का ऐसा समूह जो जनजातीय है "कोल " जो देश के ४,से ५ राज्यों में काफी बहुलता से पाया जाता है ,इस समूह की भागीदारी या जुड़ाव अन्य समूहों के साथ दिखाई नहीं देता ! अतः नवजवानों बुद्धिजीवियों से अनुरोध है कि ऐसे साथियों से जो आपके आसपास ,मित्र ,सहपाठी , सहकर्मी हैं , मेलजोल बढाकर उन्हें भी आंदोलन से जोड़ा जाय ! आंदोलन की ताकत बढ़ेगी ! जनजातीय समूह का शासन प्रशासन में दबाव बढ़ेगा !
आज के दौर में मूलनिवासी समुदाय के बहुत से पढ़े लिखे नवजवान किसी न किसी माध्यम से अपने विभिन्न सगा समूह विचार विमर्श में लगे हुए हैं ! आपस में आदिवासी एकता ,पर चिंतन कर रहे हैं ,देश की जनजातियों में अधिक बड़ी संख्या वाला समूह जिसमें गोंड ,भील ,मीणा ,उराव् हल्बा मुंडा आदि समूह आगे आ रहा है ,लेकिन हमारे बीच का ऐसा समूह जो जनजातीय है "कोल " जो देश के ४,से ५ राज्यों में काफी बहुलता से पाया जाता है ,इस समूह की भागीदारी या जुड़ाव अन्य समूहों के साथ दिखाई नहीं देता ! अतः नवजवानों बुद्धिजीवियों से अनुरोध है कि ऐसे साथियों से जो आपके आसपास ,मित्र ,सहपाठी , सहकर्मी हैं , मेलजोल बढाकर उन्हें भी आंदोलन से जोड़ा जाय ! आंदोलन की ताकत बढ़ेगी ! जनजातीय समूह का शासन प्रशासन में दबाव बढ़ेगा !
Comments
Post a Comment