जैसा कि सभी को विदित है दुनिया में यदि आज तक जितने संघर्ष हुए हैं एैसे सभी संघर्ष विजय हासिल करने के लिये हुए है । एैसे विजय व्यक्ति से लेकर समूह समाज और राष्ट तक की उंचाई तक जाते हैं । जहां विजेता को धन संपदा गुलाम नागरिक अपार संसाधन प्राप्त होते हैं। विजेता जानता है कि यह उसकी बाहरी जीत है भौतिक जीत है । इसलिये वह अपनी जीत को स्थायी बनाने के लिये अपनी विचारधारा जिसमें उसकी भाषा धर्म संस्कृति को षिक्षा साहित्य और अनेक कर्मकाण्डों आयोजनों के माध्यम से विजितों में स्थापित करने का प्रयास करता है । यदि विजेता अपनी विचारधारा को विजितों पर पूर्णतः स्थापित कर दे तो विजेता का विजय अभियान के लिये किया गया संघर्ष सफल माना जाता है । भारतीय परिवेष में विभिन्न आक्रमणकारियों ने समय समय पर भारत देष में पूर्वणतः विजय हासिल कर विचारधारा ने को स्थापित करने का प्रयास किया है । आर्यों से लेकर अंग्रजों तक से स्थानीय मूलनिवासियों अपने आप को बचाने का समय समय पर डटकर मुकाबला किया है लेकिन अज्ञात कमजोरी के कारण मूूूूूूलनिवासी बाहरी लडाई हारते गये । व्यक्ति से लेकर राष्ट की सत्ता जल जंगल जमीन धन संपदा और भौ...