"क्या जरूरी है शराब की दूकान खोलना"
मप्र सरकार ने प्रदेश में शराब की दुकानों को खोलने के निर्देश जारी कर दिए हैं ऐसी स्थिति में क्या होगा शराब पीने वाले को स्वयं होश में नहीं होने से वह एक दूसरे से जरूर देह संपर्क में रहेगा। क्या ऐसी स्थिति में कोरोना संक्रमण से बचा जा सकता है, नहीं बचेगा । सरकार को इस क्षेत्र में इतनी सतर्कता आवश्यक है । शराब बेचना जरूरी है तो शराब की होम डिलीवरी की भी व्यवस्था की जा सकती है जिसे आवश्यकता है वह उस तक पहुंचा सकता है इसलिए शराब की दुकानें पूर्ण तरह बंद रहे पीने वालों के लिए होम डिलीवरी की व्यवस्था ही सही उपाय हो सकता है । कहीं ऐसा तो नहीं की सरकार को कोरोना से जनता को बचाने से ज्यादा शराब के टेक्स से प्राप्त होने वाले रुपयों की जरूरत ज्यादा है या अज्ञात लालच है । यदि रुपया ही चाहिए तो सरकार केंद्र से मांग करके उस रुपए की पूर्ती कर ले पर लोगों के जान को जोखिम में ना डालें जब प्रदेश में लगातार संक्रमित होने वालों की संख्या बढ़ रही है ऐसे में रुपयों की लालच सरकार को कटघरे में खड़ा कर सकती है ।
(गुलजार सिंह मरकाम राष्ट्रीय संयोजक गोंडवाना समग्र क्रांति आंदोलन)
मध्यप्रदेश के गोन्ड बहुल जिला और मध्य काल के गोन्डवाना राज अधिसत्ता ५२ गढ की राजधानी गढा मन्डला के गोन्ड समुदाय में अपने गोत्र के पेन(देव) सख्या और उस गोत्र को प्राप्त होने वाले टोटेम सम्बन्धी किवदन्तिया आज भी यदा कदा प्रचलित है । लगभग सभी प्रचलित प्रमुख गोत्रो की टोटेम से सम्बन्धित किवदन्ति आज भी बुजुर्गो से सुनी जा सकती है । ऐसे किवदन्तियो का सन्कलन और अध्ययन कर गोन्डवाना सन्सक्रति के गहरे रहस्य को जानने समझने मे जरूर सहायता मिल सकती है । अत् प्रस्तुत है मरकाम गोत्र से सम्बन्धित हमारे बुजुर्गो के माध्यम से सुनी कहानी । चिरान काल (पुरातन समय) की बात है हमारे प्रथम गुरू ने सभी सभी दानव,मानव समूहो को व्यवस्थित करने के लिये अपने तपोभूमि में आमंत्रित किया जिसमें सभी समूह आपस में एक दूसरे के प्रति कैसे प्रतिबद्धता रखे परस्पर सहयोग की भावना कैसे रहे , यह सोचकर पारी(पाडी) और सेरमी(सेडमी/ ्हेडमी) नात और जात या सगा और सोयरा के रूप मे समाज को व्यवस्थित करने के लिये आमन्त्रित किया ,दुनिया के अनेको जगहो से छोटे बडे देव, दानव ,मानव समूह गुरू के स्थान पर पहुचने लगे , कहानी मे यह भी सुनने को मिलत...
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