गोंडवाना आन्दोलन का आधार स्तंभ............" गोंडवाना दर्शन" मासिक पत्रिका
"गोंडवाना दर्शन मासिक पत्रिका लगातार 33 वर्षों से देश के कई प्रदेशों में लगातार प्रकाशित होकर पहुंच रहा है । आजादी के पूर्व के गोंडवाना आन्दोलन के बाद यदि गोंडवाना आन्दोलन को पुनर्जीवित किया है तो वह गोंडवाना दर्शन मासिक पत्रिका ही है । आधुनिक गोंडवाना आन्दोलन की नीव में गोंडवाना दर्शन के योगदान को नहीं भुलाया जा सकता । आज की तारीख में आन्दोलन को आगे बढाने में बहुत सी पत्र पत्रिकाओं का प्रकाशन हो रहा है । जो आज की आवश्यकता है परन्तु आन्दोलन की मार्गदर्शक पत्रिका गोंडवाना दर्शन के प्रति हमारी निष्ठा और हमारी सोच सकारात्मक होना चाहिए । तब हम इतिहास संस्कृति और अपनी धरोहर को सुरक्षित नही कर पा रहे थे तो गोंडवाना सगा नाम से आरंभ की गई यह पत्रिका तथा इसके संपादक सुन्हेर सिंह ताराम जी ने देष में घूम घूम कर इस पत्रिका में प्रकाशित कर समाज को बताने का प्रयास किया है और लगातार कर रहे हैं । गोंडवाना दर्शन का संपादक मंडल डा0 मोती रावन कंगाली, ठाकुर कोमल सिह मरई सहित सभी इस कार्य में लगातार संलग्न होकर पत्रिका को अच्छे मुद्रण और लेखों से सजा रहे हैं । एैसी स्थिती में हमारा भी दायित्व है कि गोंडवाना आन्दोलन की मार्गदर्शक पत्रिका गोंडवाना दर्शन को और अधिक विस्तारित और प्रभावी बनाने में अपनी अहम भूमिका निभायें । और हमें पत्र पत्रिकाओं के चयन में यह भी ध्यान में रखना होगा कि गोंडवाना आन्दोलन को आगे बढाने में किन किन पत्र पत्रिकाओं की भूमिका सकारात्मक और नकारात्मक है । कारण कि जब हम किसी पत्र पत्रिका को लगातार पढने लगते हैं तब हमें उसकी आदत सी हो जाती है । यदि पत्रिका आन्दोलन के पवित्र उददेश्य को लेकर है तो ठीक अन्यथा पत्रिका का साहित्यकार या संपादक या लेखक पाठक के आदीपन का लाभ उठाकर पत्र पत्रिका में एैसे संपादन या लेख को सम्मिलित कर देता है जो पाठक के मष्तिष्क में विचलन पैदा कर देता है । गोंडवाना दर्शन लगातार गोंडवाना आन्दोलन के प्रचार प्रसार में अपनी अहम भूमिका के लिये खरा उतरा है । इसलिये इसके वृहतर विस्तार के लिये हमें प्रयास करना होगा ।"
[पत्रिका को अन्य भाषाओं में प्रकाषन तथा इसके विस्तार और विकास हेतु दिनांक 25.01.2015 को एक परिचर्चा स्थान गोंडवाना विकास मण्डल मानेवाडा रोड नागपुर महाराष्ट में आयेजित है । परिचचर्चा में भाग लेने के इच्छुक साथियों से अनुरोध है कि समय प्रातः11 बजे उपस्थित होकर आन्दोलन में अपना बहुमूल्य सुझाव ओर सहयोग दें ।]
संपर्क 9424259473 ए 9424125724 ईमेल: sunhsrsinghmarkam@gmail.com
"गोंडवाना दर्शन मासिक पत्रिका लगातार 33 वर्षों से देश के कई प्रदेशों में लगातार प्रकाशित होकर पहुंच रहा है । आजादी के पूर्व के गोंडवाना आन्दोलन के बाद यदि गोंडवाना आन्दोलन को पुनर्जीवित किया है तो वह गोंडवाना दर्शन मासिक पत्रिका ही है । आधुनिक गोंडवाना आन्दोलन की नीव में गोंडवाना दर्शन के योगदान को नहीं भुलाया जा सकता । आज की तारीख में आन्दोलन को आगे बढाने में बहुत सी पत्र पत्रिकाओं का प्रकाशन हो रहा है । जो आज की आवश्यकता है परन्तु आन्दोलन की मार्गदर्शक पत्रिका गोंडवाना दर्शन के प्रति हमारी निष्ठा और हमारी सोच सकारात्मक होना चाहिए । तब हम इतिहास संस्कृति और अपनी धरोहर को सुरक्षित नही कर पा रहे थे तो गोंडवाना सगा नाम से आरंभ की गई यह पत्रिका तथा इसके संपादक सुन्हेर सिंह ताराम जी ने देष में घूम घूम कर इस पत्रिका में प्रकाशित कर समाज को बताने का प्रयास किया है और लगातार कर रहे हैं । गोंडवाना दर्शन का संपादक मंडल डा0 मोती रावन कंगाली, ठाकुर कोमल सिह मरई सहित सभी इस कार्य में लगातार संलग्न होकर पत्रिका को अच्छे मुद्रण और लेखों से सजा रहे हैं । एैसी स्थिती में हमारा भी दायित्व है कि गोंडवाना आन्दोलन की मार्गदर्शक पत्रिका गोंडवाना दर्शन को और अधिक विस्तारित और प्रभावी बनाने में अपनी अहम भूमिका निभायें । और हमें पत्र पत्रिकाओं के चयन में यह भी ध्यान में रखना होगा कि गोंडवाना आन्दोलन को आगे बढाने में किन किन पत्र पत्रिकाओं की भूमिका सकारात्मक और नकारात्मक है । कारण कि जब हम किसी पत्र पत्रिका को लगातार पढने लगते हैं तब हमें उसकी आदत सी हो जाती है । यदि पत्रिका आन्दोलन के पवित्र उददेश्य को लेकर है तो ठीक अन्यथा पत्रिका का साहित्यकार या संपादक या लेखक पाठक के आदीपन का लाभ उठाकर पत्र पत्रिका में एैसे संपादन या लेख को सम्मिलित कर देता है जो पाठक के मष्तिष्क में विचलन पैदा कर देता है । गोंडवाना दर्शन लगातार गोंडवाना आन्दोलन के प्रचार प्रसार में अपनी अहम भूमिका के लिये खरा उतरा है । इसलिये इसके वृहतर विस्तार के लिये हमें प्रयास करना होगा ।"
[पत्रिका को अन्य भाषाओं में प्रकाषन तथा इसके विस्तार और विकास हेतु दिनांक 25.01.2015 को एक परिचर्चा स्थान गोंडवाना विकास मण्डल मानेवाडा रोड नागपुर महाराष्ट में आयेजित है । परिचचर्चा में भाग लेने के इच्छुक साथियों से अनुरोध है कि समय प्रातः11 बजे उपस्थित होकर आन्दोलन में अपना बहुमूल्य सुझाव ओर सहयोग दें ।]
संपर्क 9424259473 ए 9424125724 ईमेल: sunhsrsinghmarkam@gmail.com
Comments
Post a Comment