"विभिन्न देशों में स्वदेशी कौन हैं ।"(9th august world indigenious day)
इस पर संयुक्त राष्ट संघ के माध्यम से विश्व बैंक से आर्थिक सहायता प्राप्त करने वाले मान्यता प्राप्त समूहों को विभिन्न देशों में निम्नलिखित नामों से जाना जाता है ।
जैसे - 1. चीन में "लाओ पीपुल्स डेमोक्रेटिक रिपब्लिक",
2. वियतनाम में, "जातीय अल्पसंख्यक"
3.भारत में, "अनुसूचित जनजाति"।
4. अन्य देशों में "एबोर्जिनल ट्राईब"
जिनके नाम पर संबंशित देश विश्व बैंक से आर्थिक सहायता प्राप्त करते हैं । हमारे देश में "आदिवासी उपयोजना" की राशि विश्व बैंक की सहायता से उनके विकास के लिये प्राप्त होता है । हमारे जल जंगल जमीन से प्राप्त राजस्व से हमारा विकास नहीं हो रहा है । इसलिये संविधान में 5 वीं एवं 6 वीं अनुसूचि का प्रावधान किया गया ताकि हमारे संसाधनों से हमारा विकास हो । कारण कि हम इस देश के मालिक हैं । संसाधन पर पहला हक मालिक का होता है, बाद में अन्यों के लिये सुरक्षित किया जाता है । हमें इस परिभाषा को समाज के सामने रखना होगा । ताकि समाज को अपने स्व का ज्ञान हो सके ।" साथियों आज नहीं कल हमें अपने देश में ही शोषको विदेशियों के विरूद्व आजादी का आन्दोलन छेडना ही पडेगा ।" अभी वैचारिक रूप से समाज को परिपक्व करो ।
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"९ अगस्त विश्व आदिवासी दिवस हमारे ज्ञापन मे निम्नलिखित बिन्दु का उल्लेख अवश्य हो"
साथियो ९ अगस्त को हम अपने अपने स्तर पर जो शब्द जिसे अच्छा लग रहा है उस शब्द का उपयोग करके इस दिवस को हर्ष उल्लास से मनाने, समाज का जोरो से प्रयास चल रहा है । इसका सीधा अर्थ है कि समाज के जागरूक वर्ग ने इसे गम्भीरता से लेने का प्रयास किया है । यह दिवस निश्चित रूप से हमारे असीमित अधिकार प्रदान करने वाला दिन है । हमारी भाषा,धर्म, सन्स्क्रति के सरक्षण और स्वशासी विकास का सन्देश देने वाले इस दिवस मे हमे ५वी,६वी अनुसूचि को कारगर ढन्ग से लागू किये जाने की बात राष्ट्रपति और राज्यपाल को दिये जाने वाले ज्ञापन में जरूर हो । पर एक महत्वपूर्ण बिंदु जिसका उल्लेख जरूरी है वह यह कि देश में "अब तक जिन राज्यों, जिलों, तहसील ,ब्लॉक तथा माडा क्षेत्रों को राज्य सरकारो ने अधिसूचित किया है ऐसे क्षेत्रो को राज्यपाल के माध्यम से राजपत्र के द्वारा अधिसूचित घोषित किया जाय ।" अभी तक राज्य सरकार के मन्त्री मन्डलीय आदेश से ५वी अनुसूचि का अनुपालन विभिन्न राज्यों में किया जा रहा । यदि ऐसा नही हे तो अधिसूचित जिलो मे नगर पालिका ,नगर पंचायत, नगर निगम क्यो है । साथ ही उन अधिसूचित जिला,तहसील,ब्लाक मे गैर आदिवासी कर्मचारी क्यो है, जरा सोचे ? ५ वी अनुसूचि के लिये राज्यपाल का गजट नोटिफिकेशन आदिवासी स्वशासन को लेकर जारी होगा जिसमे शासन और प्रशासन की बागडोर पूर्णतया अधिसूचित वर्ग के हाथ मे होगा । यदि कहीं त्रुटि हो तो सुझाव अवश्य प्रदान करे । (गुलजार सिह मरकाम)
इस पर संयुक्त राष्ट संघ के माध्यम से विश्व बैंक से आर्थिक सहायता प्राप्त करने वाले मान्यता प्राप्त समूहों को विभिन्न देशों में निम्नलिखित नामों से जाना जाता है ।
जैसे - 1. चीन में "लाओ पीपुल्स डेमोक्रेटिक रिपब्लिक",
2. वियतनाम में, "जातीय अल्पसंख्यक"
3.भारत में, "अनुसूचित जनजाति"।
4. अन्य देशों में "एबोर्जिनल ट्राईब"
जिनके नाम पर संबंशित देश विश्व बैंक से आर्थिक सहायता प्राप्त करते हैं । हमारे देश में "आदिवासी उपयोजना" की राशि विश्व बैंक की सहायता से उनके विकास के लिये प्राप्त होता है । हमारे जल जंगल जमीन से प्राप्त राजस्व से हमारा विकास नहीं हो रहा है । इसलिये संविधान में 5 वीं एवं 6 वीं अनुसूचि का प्रावधान किया गया ताकि हमारे संसाधनों से हमारा विकास हो । कारण कि हम इस देश के मालिक हैं । संसाधन पर पहला हक मालिक का होता है, बाद में अन्यों के लिये सुरक्षित किया जाता है । हमें इस परिभाषा को समाज के सामने रखना होगा । ताकि समाज को अपने स्व का ज्ञान हो सके ।" साथियों आज नहीं कल हमें अपने देश में ही शोषको विदेशियों के विरूद्व आजादी का आन्दोलन छेडना ही पडेगा ।" अभी वैचारिक रूप से समाज को परिपक्व करो ।
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"९ अगस्त विश्व आदिवासी दिवस हमारे ज्ञापन मे निम्नलिखित बिन्दु का उल्लेख अवश्य हो"
साथियो ९ अगस्त को हम अपने अपने स्तर पर जो शब्द जिसे अच्छा लग रहा है उस शब्द का उपयोग करके इस दिवस को हर्ष उल्लास से मनाने, समाज का जोरो से प्रयास चल रहा है । इसका सीधा अर्थ है कि समाज के जागरूक वर्ग ने इसे गम्भीरता से लेने का प्रयास किया है । यह दिवस निश्चित रूप से हमारे असीमित अधिकार प्रदान करने वाला दिन है । हमारी भाषा,धर्म, सन्स्क्रति के सरक्षण और स्वशासी विकास का सन्देश देने वाले इस दिवस मे हमे ५वी,६वी अनुसूचि को कारगर ढन्ग से लागू किये जाने की बात राष्ट्रपति और राज्यपाल को दिये जाने वाले ज्ञापन में जरूर हो । पर एक महत्वपूर्ण बिंदु जिसका उल्लेख जरूरी है वह यह कि देश में "अब तक जिन राज्यों, जिलों, तहसील ,ब्लॉक तथा माडा क्षेत्रों को राज्य सरकारो ने अधिसूचित किया है ऐसे क्षेत्रो को राज्यपाल के माध्यम से राजपत्र के द्वारा अधिसूचित घोषित किया जाय ।" अभी तक राज्य सरकार के मन्त्री मन्डलीय आदेश से ५वी अनुसूचि का अनुपालन विभिन्न राज्यों में किया जा रहा । यदि ऐसा नही हे तो अधिसूचित जिलो मे नगर पालिका ,नगर पंचायत, नगर निगम क्यो है । साथ ही उन अधिसूचित जिला,तहसील,ब्लाक मे गैर आदिवासी कर्मचारी क्यो है, जरा सोचे ? ५ वी अनुसूचि के लिये राज्यपाल का गजट नोटिफिकेशन आदिवासी स्वशासन को लेकर जारी होगा जिसमे शासन और प्रशासन की बागडोर पूर्णतया अधिसूचित वर्ग के हाथ मे होगा । यदि कहीं त्रुटि हो तो सुझाव अवश्य प्रदान करे । (गुलजार सिह मरकाम)
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