"मनुवाद को जड़ से समाप्त करने के लिये "कान्गरेस" को खत्म करना होगा ।"
मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में गोन्डवाना गणतंत्र पार्टी को तीसरी ताकत बनाने के लिये कान्ग्रेस को पूरी तरह कमजोर करना होगा। जिन राज्यों के मतदाताओं ने कान्ग्रेस को कमजोर किया है,उन राज्यों में स्थानीय दल सत्ता के सिहासन पर काबिज है ।और लगातार भाजपा को जोरदार तरीके से शिकस्त दे रहे हैं, कहीं कहीं उसका खाता भी खुलना मुश्किल होता है । म०प्र० और छ०ग० में तीसरे दल को नहीं उभरने देने में कान्ग्रेस मे बैठे अनुसूचितवर्ग के चमचो का हाथ है ,ये इन वर्गो को भाजपा के जीत जाने का भय दिखाकर तीसरी ताकत को कमजोर और स्वय की जीत का दावा करके लगातार हारते हुए भाजपा को और मजबूत करने का काम कर रहे है । अनुसूचित वर्ग का मतदाता यदि इसी तरह कान्ग्रेसी दलालो के जाल मे फन्सा रहा तो तीसरी स्थानीय शक्ति का उभरना और भाजपा को रोक पाना सम्भव नही । भाजपा को अब केवल स्थानीय दल ही रोक सकते है कान्ग्रेस नहीं । उ०प्र०, बिहार, बन्गाल, केरल, तमिलनाडु, उड़ीसा ,दिल्ली और पूर्वोत्तर के राज्य इसके साक्षात् उदाहरण हैं । लगता है मनुवादियो की अ" टीम अपने अस्तित्व को समाप्त करने के पहले हमें धोखे मे रख कर मनुवाद की असली पोषक "ब" टीम भाजपा को पूरी तरह ताकतवर बना देना चाहती है,ताकि सन्विथान को बदला जा सके ,मूलनिवासियो पर सदा के लिये शासक बन सके । परन्तु हमारे देश की धरती भी इतनी ऊसर नही कि समय आने पर क्रातिकारी पैदा नही होगे ,यह धरती क्रान्तिकारियो को जन्म देने वाली धरती है, समय आने पर जान लेने व जान न्यौछावर करने वाले जाबाज विद्रोहीयो को भी इसी धरती ने पैदा किया है । चारो दिशाओ से आन्दोलन आरम्भ हो चुका है । बकरे की अम्मा कब तक खैर मनायेगी ।
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