"कोलेजियम सिस्टम के कारण सर्वोच्च न्यायालय में नहीं होते अनुसूचित वर्ग के न्यायधीश"
"(सर्वोच्च अदालत में न्यायाधीशों के नाम की सिफारिश करने वाले कोलेजियम)"
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट कोलेजियम मुख्य न्यायाधीश सहित 4 अन्य न्यायाधीश शामिल होते हैं। विधि एवं न्याय मंत्रालय द्वारा रखे गए विवरणों को देखने से यह साफ दिखता है कि कि कोलेजियम ने जजों को आगे बढ़ाने में नियमों का सख्ती से पालन नहीं किया। मध्यप्रदेश में अनुसूचित वर्गा के आरक्षण में प्रमोशन के विरूद्ध हाईकोर्ट में निर्णय देने वाले "एएम खानविल्कर (मध्य प्रदेश)" को न्यायाधीश टीएस ठाकुर की अध्यक्षता वाले कोलेजियम की सिफारिश पर सर्वोच्च न्यायालय का जज बनाया गया है। कोलेजियम ने इन न्यायाधीशों की नियुक्ति में उनकी वरिष्ठता को नजरअंदाज किया है।
"(सर्वोच्च अदालत में न्यायाधीशों के नाम की सिफारिश करने वाले कोलेजियम)"
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट कोलेजियम मुख्य न्यायाधीश सहित 4 अन्य न्यायाधीश शामिल होते हैं। विधि एवं न्याय मंत्रालय द्वारा रखे गए विवरणों को देखने से यह साफ दिखता है कि कि कोलेजियम ने जजों को आगे बढ़ाने में नियमों का सख्ती से पालन नहीं किया। मध्यप्रदेश में अनुसूचित वर्गा के आरक्षण में प्रमोशन के विरूद्ध हाईकोर्ट में निर्णय देने वाले "एएम खानविल्कर (मध्य प्रदेश)" को न्यायाधीश टीएस ठाकुर की अध्यक्षता वाले कोलेजियम की सिफारिश पर सर्वोच्च न्यायालय का जज बनाया गया है। कोलेजियम ने इन न्यायाधीशों की नियुक्ति में उनकी वरिष्ठता को नजरअंदाज किया है।
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