"सियासत और सियासती" हुकूमत क्या नहीं करती जरा एक बानगी देखो कथित नक्सलवादी बने स्कूली बच्चों को देखो । जहां जिन्दों को कागजो में मार देते हैं । मरों के नाम से भी कई कारोबार चलते हैं । सियासत ठीक है सियासत भी जरूरी है । पर सियासी लोग ही सब उल्टे सीधे काम करते हैं । जेल से लोग भागे थे या भगाये गये होंगे प्रहरी भी शायद सूली पर चढाये गये होंगे फर्क पडता नहीं की ये मरा या वो मरा होगा । सियासत के लिये ये खेल से बढकर नहीं होता कोई चाहेगा कि देश में हो बेवजह दंगा सियासी हमाम में झांको तो हर कोई दिखे नंगा ।