क्या मार्कन्डेय काटजू सुपी्रम कोर्ट के जज ने कह दिया कि, देश में केवल आठ प्रतिशत आदिवासी है वही देश का मालिक है आपने सहर्ष स्वीकार कर लिया । चेहरे में खुसी की लहर दौड गई । कि हम आठ प्रतिशत के लौग ही देश के मालिक है । कही एैसा तो नहीं कि मार्कन्डेय काटजू ने केवल अनुसूचित जनजाति की सूचि को लेकर टिप्पडी करके सूचि में शामिल लोगों से वाहवाही लूट ली । आदिवासियों की जनसंख्या कम आंककर उन्हें पिटवाने का रास्ता तो अन्यों को नहीं दिखा दिया । हम बिना सोचे समझे कहने लगे हम आठ प्र तिशत लोग मालिक है । अरे आपने कभी सोचा है कि आदिवासी इस देश में केवल आठ प्रतिशत नहीं बल्कि लगभग 25 प्रतिशत है । और किसी देश में 25 प्रतिशत हिस्सा कु छ भी करने में सफल हो सकता है , 25 प्रतिशत कैसे हैं इसकी विवेचना होनी चाहिये अन्यथा आदिवासी अल्पसंख्यक को सारा देश तिरछी नजरों से देखना शुरू कर देगा । आदिवासी अलग थलग हो सकता है । इसलिये आदिवासी इस देश में बहुसंख्या में है अल्पसंख्या में नहीं इस बात की जानकारी हो जानी चाहिये । केवल एक समूह गोंड को ले लेते हैं । गोंड म0प्र0 में जनजाति उ0प्र0 के 13 जिलो को छोड स...