महाभारत काव्य की एक काल्पनिक कथा है। जिसमें पान्डवो ने अपनी जीविका के लिये केवल बटवारे में" पान्च गांव" की मांग रखे थे। उनके ही खून के भाई दुर्योधन ने उन्हें सुई की नोक बराबर भी भागीदारी से मना कर दिया। बाप ने भी न्याय की जगह महत्वाकांक्षी बेटे का साथ दिया अन्ततः अहन्कार हारा । इस कहानी से गोन्डवाना आन्दोलन के लोगों को सबक लेना चाहिए। जब छग और मप्र में एक साथ चुनाव होना है तब हम आपस में राज्य विभाजन कर दुश्मन को मात देने के लिये इतनी समझ के साथ क्यों नहीं चल सकते। यदि यह फार्मूला जिन्हें सुई की नोक वाली कहानी को दुहराना चाहती है।तो शौक से ध्रष्टराष्ट्र की तरह आन्ख बन्द कर महाभारत के उस प्रसंग को अमर करने को तैयार रहें । तथा दोनों दलों में दोषी कौन पर तर्क वितर्क कर अपना और समाज का बहुमूल्य समय व्यर्थ करे ।
महाभारत काव्य की एक काल्पनिक कथा है। जिसमें पान्डवो ने अपनी जीविका के लिये केवल बटवारे में" पान्च गांव" की मांग रखे थे। उनके ही खून के भाई दुर्योधन ने उन्हें सुई की नोक बराबर भी भागीदारी से मना कर दिया। बाप ने भी न्याय की जगह महत्वाकांक्षी बेटे का साथ दिया अन्ततः अहन्कार हारा । इस कहानी से गोन्डवाना आन्दोलन के लोगों को सबक लेना चाहिए। जब छग और मप्र में एक साथ चुनाव होना है तब हम आपस में राज्य विभाजन कर दुश्मन को मात देने के लिये इतनी समझ के साथ क्यों नहीं चल सकते। यदि यह फार्मूला जिन्हें सुई की नोक वाली कहानी को दुहराना चाहती है।तो शौक से ध्रष्टराष्ट्र की तरह आन्ख बन्द कर महाभारत के उस प्रसंग को अमर करने को तैयार रहें । तथा दोनों दलों में दोषी कौन पर तर्क वितर्क कर अपना और समाज का बहुमूल्य समय व्यर्थ करे ।
Comments
Post a Comment