सगाजनों को अवगत हो कि २०११ की जनगणना प्रारूप में धर्म सारणी में
कलाम (७) पर “अन्य ……….
जोडा गया था जिसके कारण विभिन्न आदिवासी समूहों नें अपनी जागरूकतानुशार ८३ प्रकार के धर्म अंकित कराये । परन्तु प्राप्त जानकारी के अनुशार अब २०२१ की जनगणना में “अन्य” का विकल्प ही नहीं रखा जा रहा है , तब आदिवासी की गणना स्वयमेव ही “हिन्दू” में होने वाली है । तब आपकी रूढी परम्परा कैसे बचेगी आप हिन्दू स्वीय विधि से सन्चालित होने लगेंगे । कुछ लोगों का मत है कि हम धर्म पूर्वी निसर्गवादी हैं ! जब आप गणना में “हिन्दू “ रहेंगे तब आपकी गिनती मूर्ति पूजक , ईश्वरवादी के रूप में होगी , कोर्ट कचहरी भी आपको हिन्दू मानकर ही फैसला करेगी । इसलिये मेरा केवल सुझाव है कि सबसे पहले
प्रथक कालम (७) अन्य…….
की रक्छा की जाय और एक नाम पर सहमति बनाने की मानसिकता बनायें, यह केवल समुदाय की समझदारी और सामन्जस्य से सम्भव है ।
नोट:- अन्य का विकल्प अन्कित नहीं होने पर हम कहां अपने सरना, गोंडी , प्रक्रति, आदिवासी या जो आपकी मान्यता में है लिखेंगे । बुद्धिजीवी इस पर विचार करें ।-gsm
कलाम (७) पर “अन्य ……….
जोडा गया था जिसके कारण विभिन्न आदिवासी समूहों नें अपनी जागरूकतानुशार ८३ प्रकार के धर्म अंकित कराये । परन्तु प्राप्त जानकारी के अनुशार अब २०२१ की जनगणना में “अन्य” का विकल्प ही नहीं रखा जा रहा है , तब आदिवासी की गणना स्वयमेव ही “हिन्दू” में होने वाली है । तब आपकी रूढी परम्परा कैसे बचेगी आप हिन्दू स्वीय विधि से सन्चालित होने लगेंगे । कुछ लोगों का मत है कि हम धर्म पूर्वी निसर्गवादी हैं ! जब आप गणना में “हिन्दू “ रहेंगे तब आपकी गिनती मूर्ति पूजक , ईश्वरवादी के रूप में होगी , कोर्ट कचहरी भी आपको हिन्दू मानकर ही फैसला करेगी । इसलिये मेरा केवल सुझाव है कि सबसे पहले
प्रथक कालम (७) अन्य…….
की रक्छा की जाय और एक नाम पर सहमति बनाने की मानसिकता बनायें, यह केवल समुदाय की समझदारी और सामन्जस्य से सम्भव है ।
नोट:- अन्य का विकल्प अन्कित नहीं होने पर हम कहां अपने सरना, गोंडी , प्रक्रति, आदिवासी या जो आपकी मान्यता में है लिखेंगे । बुद्धिजीवी इस पर विचार करें ।-gsm
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