"देवस्थल से मिट्टी चोरी समुदाय के अनिष्ट का कारण भी बन सकता है " आदिवासी समुदाय में आवश्यकतानुशार अपने देवों को एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाकर स्थापित करने की परंपरा भी है। जिसे "जगह चालना " कहा गया है। कभी कभी ऐसे स्थांतरण परिवार के बीच तालमेल नहीं होने से बंटवारा के कारण होता है । जिसे "डार नवाना" जैसे शब्दों से परिभाषित किया जाता है। इन दोनों अवसरों पर देवस्थल की मिट्टी को विधिवत प्रक्रिया से अपने "सेरमी " के माध्यम से खोदकर निर्धारित स्थान में ले जाकर विधिवत प्रक्रिया से स्थापित किया जाता है। बुजुर्गों से प्राप्त जानकारीके अनुसार कभी कभी हमारा अहित चाहने वाला हमारे देव स्थल से नजर बचाकर या चोरी से वहां की मिट्टी चुराकर ले जाता है और उस मिट्टी का काले क्रत्य के लिए दुरुपयोग करता है। ये सब लिखने का मेरा आशय यह है कि हमारे आदिवासीयों के देवस्थल से मिट्टी चुराकर या समुदाय के कुछ गद्दारों की मिलीभगत से सरेआम डकैती डाली गई हो,यह हमारी आस्था और जीवन के लिए खतरा है। समुदाय और समुदाय के विधिवेत्ता इसे अवश्य संज्ञान में लेवें। -गुलज़ार सिंह म...