चुनाव के लिए राजनीतिक दलों को इशू चाहिए उसके लिए इशू प्रायोजित किये जाते हैं। इसमें जन समस्या , जैसे शिक्षा, स्वास्थ्य, बेरोजगारी जैसे मुद्दों से जनमानस को प्रभावित नहीं करने की समस्या पक्ष या विपक्ष किसी को आती दिखाई देती है तब समाज की भाषा धर्म संस्कृति उसका मूल स्त्रोत है,उस पर राजनीति आक्रमण की कोशिश होती है, जिसमें व्यक्ति जाति धर्म संप्रदाय के नाम पर इशू तैयार किया जाता है, इसमें चाहे कितनी ही हत्या, बलात्कार आगजनी करना पडे , राजनीतिक दलों को कोई फर्क नहीं पड़ता, इसका शिकार तो व्यक्ति समुदाय और समाज होता है। अब आसन्न चुनाव है । मप्र भी इस क्रम से अछूता कैसे रह सकता है। इसका एक ही इलाज है, पीड़ित व्यक्ति,जाति समुदाय और समाज में आपसी सौहार्द और समझ विकसित करे। -(gska)
मध्यप्रदेश के गोन्ड बहुल जिला और मध्य काल के गोन्डवाना राज अधिसत्ता ५२ गढ की राजधानी गढा मन्डला के गोन्ड समुदाय में अपने गोत्र के पेन(देव) सख्या और उस गोत्र को प्राप्त होने वाले टोटेम सम्बन्धी किवदन्तिया आज भी यदा कदा प्रचलित है । लगभग सभी प्रचलित प्रमुख गोत्रो की टोटेम से सम्बन्धित किवदन्ति आज भी बुजुर्गो से सुनी जा सकती है । ऐसे किवदन्तियो का सन्कलन और अध्ययन कर गोन्डवाना सन्सक्रति के गहरे रहस्य को जानने समझने मे जरूर सहायता मिल सकती है । अत् प्रस्तुत है मरकाम गोत्र से सम्बन्धित हमारे बुजुर्गो के माध्यम से सुनी कहानी । चिरान काल (पुरातन समय) की बात है हमारे प्रथम गुरू ने सभी सभी दानव,मानव समूहो को व्यवस्थित करने के लिये अपने तपोभूमि में आमंत्रित किया जिसमें सभी समूह आपस में एक दूसरे के प्रति कैसे प्रतिबद्धता रखे परस्पर सहयोग की भावना कैसे रहे , यह सोचकर पारी(पाडी) और सेरमी(सेडमी/ ्हेडमी) नात और जात या सगा और सोयरा के रूप मे समाज को व्यवस्थित करने के लिये आमन्त्रित किया ,दुनिया के अनेको जगहो से छोटे बडे देव, दानव ,मानव समूह गुरू के स्थान पर पहुचने लगे , कहानी मे यह भी सुनने को मिलत...
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