"भारतीय कस्टोडियम गवर्नमेंट"
आदिवासी इस देश का मालिक है। इसलिये वह इस देश की न्यायपालिका, व्यवस्थापिक, और कार्यपालिका से ऊपर है । वह स्वयं देश है। भारत का राष्ट्रपति उसका मात्र सरक्षक है, मालिक नही ! शासन, प्रशासन उसके देश की भूमि और सन्शाधन का उपयोग और उपभोग कर सभी भारतवासियो के समग्र विकास हेतु इस शर्त पर व्यवस्था देने के लिये नियुक्त की गई है कि , देश के मालिको की मूल पहचान, उसकी ,भाषा, धर्म, सन्सक्रति ,तथा शिक्षा,स्वस्थ एवं भौगोलिक, सामाजिक पर्यावरण पर विपरीत प्रभाव ना पडे । इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए सन्विधान मे ५ वी ६वी अनुसूचि , पेसा कानून जैसी अन्तर्राष्टीय कानून को भारतीय सन्विधान मे शामिल किया गया है । साथ ही देश के समस्त राज्यों की विधान सभा मे आदिवासी मन्त्रणा परिषद के माध्यम से वर्ष मे कम से कम दो बार देश के मालिक आदिवासियो के विकास की समीक्षा एवम् उनकी बेहतरी के लिये योजना तैयार कर राज्यपाल के माध्यम से आदिवासियो के राष्ट्रीय सरक्षक (मालिक नही) राष्ट्रपति को अवगत कराने का प्रावधान है । इस रिपोर्ट को हमारा सरक्षक ९ अगस्त को अपनी समीक्षा के उपरांत प्रतिवर्ष यू०एन०ओ० को प्रस्तुत करने के लिये बाध्य है । " इस देश का मालिक अपनी असीम ताकत को पहचाने, और गर्व से इस देश का मालिक होने का प्रदर्शन करे । -गुलजार सिह मरकाम
आदिवासी इस देश का मालिक है। इसलिये वह इस देश की न्यायपालिका, व्यवस्थापिक, और कार्यपालिका से ऊपर है । वह स्वयं देश है। भारत का राष्ट्रपति उसका मात्र सरक्षक है, मालिक नही ! शासन, प्रशासन उसके देश की भूमि और सन्शाधन का उपयोग और उपभोग कर सभी भारतवासियो के समग्र विकास हेतु इस शर्त पर व्यवस्था देने के लिये नियुक्त की गई है कि , देश के मालिको की मूल पहचान, उसकी ,भाषा, धर्म, सन्सक्रति ,तथा शिक्षा,स्वस्थ एवं भौगोलिक, सामाजिक पर्यावरण पर विपरीत प्रभाव ना पडे । इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए सन्विधान मे ५ वी ६वी अनुसूचि , पेसा कानून जैसी अन्तर्राष्टीय कानून को भारतीय सन्विधान मे शामिल किया गया है । साथ ही देश के समस्त राज्यों की विधान सभा मे आदिवासी मन्त्रणा परिषद के माध्यम से वर्ष मे कम से कम दो बार देश के मालिक आदिवासियो के विकास की समीक्षा एवम् उनकी बेहतरी के लिये योजना तैयार कर राज्यपाल के माध्यम से आदिवासियो के राष्ट्रीय सरक्षक (मालिक नही) राष्ट्रपति को अवगत कराने का प्रावधान है । इस रिपोर्ट को हमारा सरक्षक ९ अगस्त को अपनी समीक्षा के उपरांत प्रतिवर्ष यू०एन०ओ० को प्रस्तुत करने के लिये बाध्य है । " इस देश का मालिक अपनी असीम ताकत को पहचाने, और गर्व से इस देश का मालिक होने का प्रदर्शन करे । -गुलजार सिह मरकाम
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