“गोन्डवाना आन्दोलन” के हित चिन्तक साथियों सभी को,
जय सेवा जय जोहार ।
गोन्डवाना आन्दोलन की अनेक शाखाओं के माध्यम से आन्दोलन को आगे बढ़ाने का प्रयास किया जा रहा है। परन्तु आन्दोलन की धार्मिक एवं राजनीतिक शाखा में लगातार अव्यवस्थाा देखने को मिल रहा है। धार्मिक एकता एकरूपता के लिये भुमका प्रशिक्षण के माध्यम से कुछ हद तक धर्म व्यवस्थित होता नजर आ रहा है, इसमें भी कुछ विघ्नविनायक अपनी मुर्गी के तीन टान्ग को लेकर विवाद की स्थिति पैदा करने का प्रयास कर रहे हैं। चाहे वह जगत भगत सिदार छ०ग० हो या काले पीले पगड़ी पहनाकर समाज में विसन्गति फैलाते कुछ ना समझ लोग हो । सब अपने मुँह मिया मिट्ठू बनकर समाज की ताकत को कमजोर करने का प्रयास कर रहे हैं। दूसरी ओर राजनीतिक सन्गठन, गोन्डवाना गणतंत्र पार्टी में भी सान्गठनिक ढान्चा को मजबूत करने का कोई भी प्रयास नहीं किया जा रहा है । म०प्र के पूर्व विधायको को जो अलग पार्टी बना चुके थे, उन्हें किसी तरह गोगपा में शामिल किया गया जिन्हें उचित पद और सम्मान देकर सन्तुष्ट किया जाना था, लेकिन शीर्ष नेत्रत्व को प्रस्ताव भेजने के बावजूद उन्हे दो साल से कोई जिम्मेदारी नही देकर अन्य वर्गो पर भरोशा जताना बेवकूफी नही तो क्या है ? ऐसी परिस्थिति मे यदि वे अपनी पार्टियो को पुन: आगे लाते है, तो इसकी जिम्मेदारी किसकी है । आन्दोलन के सचेतक इसे गम्भीरता से ले । गोन्डवाना आन्दोलन की महत्वपूर्ण इकाईयो की अव्यवस्था देखते हुए कुछ चिन्तको से चर्चा कर हम इस निष्कर्श पर पहुचे है कि इस तरह की अराजक स्थिति से गोन्डवाना आन्दोलन को सफलता सम्भव नही ! इस पर अन्कुश लगाना आवश्यक है,इनकी मनमानी पर रोक जरूरी है । अत: इन शाखाओ की मनमानी पर रोक लगाने और मनुवादियो के लगातार देश और प्रदेश में वर्तमान समय में जिस तरह आरएसएस उनकी राजनीतिक शाखा से पावर लेकर समाज में दहशत का माहौल पैदा करने का प्रयास कर रही है । हिन्दू हिन्दी ,हिन्दुस्तान की हवा से गैर हिन्दुओं की आवाज को बलपूर्वक दबाने का असफल प्रयास किया जाना देश और समाज के लिये खतरा है। देश में हर समुदाय किसी ना किसी मामले में अपनी बचाव का रास्ता बना लिया है। गैर हिन्दू कहलाने वाला बौद्ध धर्मी हो या मुस्लिम,जैन, सिख , ईसाई ये कहीं ना कहीं एकता और ताकत में दिखाई देते हैं। मुस्लिम और सिखों ने तो आरएसएस अतिवादियो के आक्रामक हमले का सामना क्रमशः ९२ और ८४ के देशव्यापी दन्गे में किया है। इसाई मिशनरियो के विरुद्ध आये दिन कुछ ना कुछ होता रहता है । फिर भी ये समुदाय आज भी ज्यो का त्यों खडा है । आरएसएस का धर्म के नाम पर दहसत पर अन्कुश लगाने के लिये गोन्डवाना महासभा की गैर राजनैतिक शाखा जो गोन्डवाना आन्दोलन को सुरक्षा और बाहरी दहसत से सुरक्षित करेगी "गोन्डवाना समग्र क्रान्ति सेना"की स्थापना की जा रही है ताकि गोन्डवाना आन्दोलन की सभी शाखाये निश्चिन्त होकर ,अनुशासित होकर आन्दोलन मे अपनी महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर सके । देश और प्रदेश से लेकर ग्राम स्तर पर इसकी शाखाये सामाजिक सुरक्षा का दायित्व निभायेगी ।
निवेदक-: "गोन्डवाना समग्र क्रान्ति सेना"
जय सेवा जय जोहार ।
गोन्डवाना आन्दोलन की अनेक शाखाओं के माध्यम से आन्दोलन को आगे बढ़ाने का प्रयास किया जा रहा है। परन्तु आन्दोलन की धार्मिक एवं राजनीतिक शाखा में लगातार अव्यवस्थाा देखने को मिल रहा है। धार्मिक एकता एकरूपता के लिये भुमका प्रशिक्षण के माध्यम से कुछ हद तक धर्म व्यवस्थित होता नजर आ रहा है, इसमें भी कुछ विघ्नविनायक अपनी मुर्गी के तीन टान्ग को लेकर विवाद की स्थिति पैदा करने का प्रयास कर रहे हैं। चाहे वह जगत भगत सिदार छ०ग० हो या काले पीले पगड़ी पहनाकर समाज में विसन्गति फैलाते कुछ ना समझ लोग हो । सब अपने मुँह मिया मिट्ठू बनकर समाज की ताकत को कमजोर करने का प्रयास कर रहे हैं। दूसरी ओर राजनीतिक सन्गठन, गोन्डवाना गणतंत्र पार्टी में भी सान्गठनिक ढान्चा को मजबूत करने का कोई भी प्रयास नहीं किया जा रहा है । म०प्र के पूर्व विधायको को जो अलग पार्टी बना चुके थे, उन्हें किसी तरह गोगपा में शामिल किया गया जिन्हें उचित पद और सम्मान देकर सन्तुष्ट किया जाना था, लेकिन शीर्ष नेत्रत्व को प्रस्ताव भेजने के बावजूद उन्हे दो साल से कोई जिम्मेदारी नही देकर अन्य वर्गो पर भरोशा जताना बेवकूफी नही तो क्या है ? ऐसी परिस्थिति मे यदि वे अपनी पार्टियो को पुन: आगे लाते है, तो इसकी जिम्मेदारी किसकी है । आन्दोलन के सचेतक इसे गम्भीरता से ले । गोन्डवाना आन्दोलन की महत्वपूर्ण इकाईयो की अव्यवस्था देखते हुए कुछ चिन्तको से चर्चा कर हम इस निष्कर्श पर पहुचे है कि इस तरह की अराजक स्थिति से गोन्डवाना आन्दोलन को सफलता सम्भव नही ! इस पर अन्कुश लगाना आवश्यक है,इनकी मनमानी पर रोक जरूरी है । अत: इन शाखाओ की मनमानी पर रोक लगाने और मनुवादियो के लगातार देश और प्रदेश में वर्तमान समय में जिस तरह आरएसएस उनकी राजनीतिक शाखा से पावर लेकर समाज में दहशत का माहौल पैदा करने का प्रयास कर रही है । हिन्दू हिन्दी ,हिन्दुस्तान की हवा से गैर हिन्दुओं की आवाज को बलपूर्वक दबाने का असफल प्रयास किया जाना देश और समाज के लिये खतरा है। देश में हर समुदाय किसी ना किसी मामले में अपनी बचाव का रास्ता बना लिया है। गैर हिन्दू कहलाने वाला बौद्ध धर्मी हो या मुस्लिम,जैन, सिख , ईसाई ये कहीं ना कहीं एकता और ताकत में दिखाई देते हैं। मुस्लिम और सिखों ने तो आरएसएस अतिवादियो के आक्रामक हमले का सामना क्रमशः ९२ और ८४ के देशव्यापी दन्गे में किया है। इसाई मिशनरियो के विरुद्ध आये दिन कुछ ना कुछ होता रहता है । फिर भी ये समुदाय आज भी ज्यो का त्यों खडा है । आरएसएस का धर्म के नाम पर दहसत पर अन्कुश लगाने के लिये गोन्डवाना महासभा की गैर राजनैतिक शाखा जो गोन्डवाना आन्दोलन को सुरक्षा और बाहरी दहसत से सुरक्षित करेगी "गोन्डवाना समग्र क्रान्ति सेना"की स्थापना की जा रही है ताकि गोन्डवाना आन्दोलन की सभी शाखाये निश्चिन्त होकर ,अनुशासित होकर आन्दोलन मे अपनी महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर सके । देश और प्रदेश से लेकर ग्राम स्तर पर इसकी शाखाये सामाजिक सुरक्षा का दायित्व निभायेगी ।
निवेदक-: "गोन्डवाना समग्र क्रान्ति सेना"
Comments
Post a Comment