"आर एस एस का गणित और फीलगुड"
यदि आर एस एस हिंदू वोट का ध्रुवीकरण करके अन्य अल्पसंख्यक समुदाय और तीन करोड़ शरणार्थियों को आमंत्रित कर इनके वोट को भाजपा की झोली में डालने को योजना बना रही है तो समझ लो,ईवीएम की कलई जल्द ही खुलने वाली है। सुप्रीकोर्ट ने भी निर्वाचन आयोग को 2014 में हुए आम चुनाव में ई वी एम की गणना में गड़बड़ी के बारे में जवाब मांगा है। चुकीं भाजपा का देश की बिगड़ रही अर्थ व्यवस्था, गरीबी, मंहगाई, बेरोजगारी आदि से कोई सरोकार नहीं है। आपको याद दिला दें। इनकी विचारधारा "फील गुड" की है जमीनी नहीं । जब देश में धीरे धीरे जनता को "ईवीएम की सरकार" के बारे में जानकारी होने लगी,कुछ राजनीतिक दल और नेता इस गड़बड़ी के विरूद्ध लामबंद होते दिखे, जैसे आज एन आर सी और सीएए के खिलाफ खड़े दिखने लगे हैं। तब ईवीएम के विरूद्ध भी ऐसा ही जनमत तैयार हो गया और २०२४ में फिर से चुनाव में जाना है तब क्या होगा। इसी हड़बड़ाहट ने बहुसंख्यक जनता को फीलगुड कराते हुए 370 से लेकर एनआरसी,सीएए अब एनपीआर जैसी गैरजरूरी कानून के नाम पर जनता को उलझाकर अपना लक्ष्य साधना चाहते हैं ये शातिर दिमाग केवल सत्ता पाकर अपनी मनमानी करना चाहता है।
(गुलजार सिंह मरकाम रासंगोंसक्रांआं)
यदि आर एस एस हिंदू वोट का ध्रुवीकरण करके अन्य अल्पसंख्यक समुदाय और तीन करोड़ शरणार्थियों को आमंत्रित कर इनके वोट को भाजपा की झोली में डालने को योजना बना रही है तो समझ लो,ईवीएम की कलई जल्द ही खुलने वाली है। सुप्रीकोर्ट ने भी निर्वाचन आयोग को 2014 में हुए आम चुनाव में ई वी एम की गणना में गड़बड़ी के बारे में जवाब मांगा है। चुकीं भाजपा का देश की बिगड़ रही अर्थ व्यवस्था, गरीबी, मंहगाई, बेरोजगारी आदि से कोई सरोकार नहीं है। आपको याद दिला दें। इनकी विचारधारा "फील गुड" की है जमीनी नहीं । जब देश में धीरे धीरे जनता को "ईवीएम की सरकार" के बारे में जानकारी होने लगी,कुछ राजनीतिक दल और नेता इस गड़बड़ी के विरूद्ध लामबंद होते दिखे, जैसे आज एन आर सी और सीएए के खिलाफ खड़े दिखने लगे हैं। तब ईवीएम के विरूद्ध भी ऐसा ही जनमत तैयार हो गया और २०२४ में फिर से चुनाव में जाना है तब क्या होगा। इसी हड़बड़ाहट ने बहुसंख्यक जनता को फीलगुड कराते हुए 370 से लेकर एनआरसी,सीएए अब एनपीआर जैसी गैरजरूरी कानून के नाम पर जनता को उलझाकर अपना लक्ष्य साधना चाहते हैं ये शातिर दिमाग केवल सत्ता पाकर अपनी मनमानी करना चाहता है।
(गुलजार सिंह मरकाम रासंगोंसक्रांआं)
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