म0प्र0 में गोंड जनजाति की उपजाति भीमा है । जो अपने आप को भीमालपेन परिवार का हिस्सा मानते हैं । उनका मानना है कि भीमाल पेन जनता की सेवा के लिये निकल पडे थे उसी क्रम में हम भी भीमालपेन के डेरे को आज भी चलाकर राजा महाराजाओं को उनकी वीरता, समाज के प्रति कर्तव्य को अपने तुम्बे वादय से गा गाकर सुनाते और उनसे जो सहयोग, दान मिलता है अपने परिवार सहित डेरे को अगली पडाव पर ले जाते हैं । क्या इन्हें सम्मान देकर प्रोत्साहित नहीं किया जा सकता । आज भीमाल पेन के वंशज भीमा गरीबी कुपोषण अशिक्षा के कारण विलुप्ति की कगार में हैं । इनकी सुध कौन लेगा ।
म0प्र0 में गोंड जनजाति की उपजाति भीमा है । जो अपने आप को भीमालपेन परिवार का हिस्सा मानते हैं । उनका मानना है कि भीमाल पेन जनता की सेवा के लिये निकल पडे थे उसी क्रम में हम भी भीमालपेन के डेरे को आज भी चलाकर राजा महाराजाओं को उनकी वीरता, समाज के प्रति कर्तव्य को अपने तुम्बे वादय से गा गाकर सुनाते और उनसे जो सहयोग, दान मिलता है अपने परिवार सहित डेरे को अगली पडाव पर ले जाते हैं । क्या इन्हें सम्मान देकर प्रोत्साहित नहीं किया जा सकता । आज भीमाल पेन के वंशज भीमा गरीबी कुपोषण अशिक्षा के कारण विलुप्ति की कगार में हैं । इनकी सुध कौन लेगा ।
Comments
Post a Comment