(1) गौंडवाना के लोग और गोंडवाना की राजनीति”
मप्र में गोंडवाना की राजनीतिक एकता से भाजपा को लाभ मिलता है । वही गोंडवाना के राजनीतिक विभाजन से कांग्रेस को लाभ होता है । ऐसे में गोंडवाना आन्दोलन के राजनीतिक चिंतकों, समर्पितों,समर्थकों को कौन सा राजनीतिक मार्ग बनाना चाहिये ताकि ये दोनों मनुवादी/पूंजीवादी / आरक्छण विरोथी कांग्रेस तथा भाजपा जैसे राजनीतिक दलों को चुनाव २०१८ मे पराजित किया जा सके । राजनीतिक समझ रखने वाले मित्रों से सुझाव की अावश्यकता है ।-gsmarkm
(2) “मप्र का २०१८ का राजनीतिक गणित”
गोंड,गोंडी,गोंडवाना के आधार पर !
(१) गोंडवाना (छग)+गोंडवाना (मप्र ) एकता = कुछ सीटों पर जीत ।
(२) एक गोंडवाना + मायावती बहुजन = ४० प्रतिशत जीत ।
(३) एक गोंडवाना + मायावती बहुजन + वामन बहुजन= ५० प्रतिशत जीत ।
(४) एक गोंडवाना + मायावती बहुजन + वामन बहुजन+ कांशीराम बहुजन = ७० प्रतिशत जीत ।
(५)एक गोंडवाना +एक बहुजन (अजा,अल्पसंख्यक,पिछडा)=१०० प्रतिशत जीत यानि मप्र में मूंलनिवासियों की सरकार !
यदि ऐसा ना हो तो भूल जाओ बहुजन और गोंडवाना की राजनीतिक ताकत के बारे में , सभी लोग कथित बडे दलों की दलाली में पैसा कमाकर अपनी आर्थिक स्थिति को मजबूत कर स्वयं और संगठन के कुछ लोगों का भला कर लें । समाज हित और समाज सेवा के नाम को बदनाम ना करें । -gsmarkam
(3) "सीधा वार आर या पार"
संविधान विरोधी आरक्षण विरोधी प्रत्येक व्यक्ति जन संगठन और राजनीतिक दल का विरोध करो एैसे संगठन में काम करने वाले व्यक्ति जाति समूह का बहिष्कार करो अन्यथा ये सदैव गुलाम बनाये रखने के नये रास्ते बनाकर समाज को गुलामी से मुक्त नहीं होने देंगे ।gsmarkam
मप्र में गोंडवाना की राजनीतिक एकता से भाजपा को लाभ मिलता है । वही गोंडवाना के राजनीतिक विभाजन से कांग्रेस को लाभ होता है । ऐसे में गोंडवाना आन्दोलन के राजनीतिक चिंतकों, समर्पितों,समर्थकों को कौन सा राजनीतिक मार्ग बनाना चाहिये ताकि ये दोनों मनुवादी/पूंजीवादी / आरक्छण विरोथी कांग्रेस तथा भाजपा जैसे राजनीतिक दलों को चुनाव २०१८ मे पराजित किया जा सके । राजनीतिक समझ रखने वाले मित्रों से सुझाव की अावश्यकता है ।-gsmarkm
(2) “मप्र का २०१८ का राजनीतिक गणित”
गोंड,गोंडी,गोंडवाना के आधार पर !
(१) गोंडवाना (छग)+गोंडवाना (मप्र ) एकता = कुछ सीटों पर जीत ।
(२) एक गोंडवाना + मायावती बहुजन = ४० प्रतिशत जीत ।
(३) एक गोंडवाना + मायावती बहुजन + वामन बहुजन= ५० प्रतिशत जीत ।
(४) एक गोंडवाना + मायावती बहुजन + वामन बहुजन+ कांशीराम बहुजन = ७० प्रतिशत जीत ।
(५)एक गोंडवाना +एक बहुजन (अजा,अल्पसंख्यक,पिछडा)=१०० प्रतिशत जीत यानि मप्र में मूंलनिवासियों की सरकार !
यदि ऐसा ना हो तो भूल जाओ बहुजन और गोंडवाना की राजनीतिक ताकत के बारे में , सभी लोग कथित बडे दलों की दलाली में पैसा कमाकर अपनी आर्थिक स्थिति को मजबूत कर स्वयं और संगठन के कुछ लोगों का भला कर लें । समाज हित और समाज सेवा के नाम को बदनाम ना करें । -gsmarkam
(3) "सीधा वार आर या पार"
संविधान विरोधी आरक्षण विरोधी प्रत्येक व्यक्ति जन संगठन और राजनीतिक दल का विरोध करो एैसे संगठन में काम करने वाले व्यक्ति जाति समूह का बहिष्कार करो अन्यथा ये सदैव गुलाम बनाये रखने के नये रास्ते बनाकर समाज को गुलामी से मुक्त नहीं होने देंगे ।gsmarkam
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