"विभिन्न दलों के आदिवासी (जनजाति) शाखा/प्रभाग और मोर्चा की जिम्मेदारी तय हो"
यदि किसी राजनीतिक दल की आदिवासी(जनजाति) शाखा/मोर्चा या प्रभाग के नेता कहते हैं कि हम सब आदिवासी एक हैं तब ऐसे सभी दलों के संबद्ध आदिवासी(जनजाति) मोर्चा के कार्यकर्ताओं की संयुक्त बैठक होनी चाहिए । ताकि आदिवासी हित में वे अपने अपने दलों पर दबाव बना सकें यदि कोई दल अपने मोर्चा की बात नहीं माने तो उसकी पूरी इकाई अन्य दल के आदिवासी मोर्चा में बेझिझक शामिल होने का ऐलान कर दे। यदि इन दलों के मोर्चा एकजुटता का परिचय नहीं देते तो आदिवासी (जनजाति) समुदाय उनका बहिष्कार कर दे, आखिर किसी दल ने आदिवासी (जनजाति) शाखा खोल रखा है तो इसका यह मतलब नहीं कि उसका पदाधिकारी केवल आदिवासी वोट संग्रह के लिए है। जिस तरह राजनीतिक दलों के अरक्छित छेत्र से चुने हुए जनप्रिनिधियों की जिम्मेदारी समुदाय हित के लिए है,उससे भी बड़ी जिम्मेदारी दलों के आदिवासी शाखा/प्रभाग या मोर्चा के कार्यकर्ता और पदाधिकारी की है , जो जनप्रतिनिधि के लिए समुदाय के पास वोट मांगने जाता है। समुदाय को चाहिए कि इन शाखाओं पर भी कड़ी नजर रखे।
(गुलजार सिंह मरकाम राष्ट्रीय संयोजक गोंडवाना समग्र क्रांति आंदोलन)
यदि किसी राजनीतिक दल की आदिवासी(जनजाति) शाखा/मोर्चा या प्रभाग के नेता कहते हैं कि हम सब आदिवासी एक हैं तब ऐसे सभी दलों के संबद्ध आदिवासी(जनजाति) मोर्चा के कार्यकर्ताओं की संयुक्त बैठक होनी चाहिए । ताकि आदिवासी हित में वे अपने अपने दलों पर दबाव बना सकें यदि कोई दल अपने मोर्चा की बात नहीं माने तो उसकी पूरी इकाई अन्य दल के आदिवासी मोर्चा में बेझिझक शामिल होने का ऐलान कर दे। यदि इन दलों के मोर्चा एकजुटता का परिचय नहीं देते तो आदिवासी (जनजाति) समुदाय उनका बहिष्कार कर दे, आखिर किसी दल ने आदिवासी (जनजाति) शाखा खोल रखा है तो इसका यह मतलब नहीं कि उसका पदाधिकारी केवल आदिवासी वोट संग्रह के लिए है। जिस तरह राजनीतिक दलों के अरक्छित छेत्र से चुने हुए जनप्रिनिधियों की जिम्मेदारी समुदाय हित के लिए है,उससे भी बड़ी जिम्मेदारी दलों के आदिवासी शाखा/प्रभाग या मोर्चा के कार्यकर्ता और पदाधिकारी की है , जो जनप्रतिनिधि के लिए समुदाय के पास वोट मांगने जाता है। समुदाय को चाहिए कि इन शाखाओं पर भी कड़ी नजर रखे।
(गुलजार सिंह मरकाम राष्ट्रीय संयोजक गोंडवाना समग्र क्रांति आंदोलन)
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