"आपकी भी जिम्मेदारी है"
क्या देश में पुलिस,अर्द्धसैनिक बल,और मिलिट्री के जवानों में संविधान की समझ नहीं होती ? सत्ताधारी यदि राष्ट्र में असंतोष फैलाये, मनमानी करने लगे, देश के संविधान की धज्जियां उड़ाने लगे तब क्या,हमारे सैनिकों को इस पर विचार नहीं करना चाहिये ? आज जब देश के बुद्धिजीवि ,अर्थशास्त्री, न्यायविद , कलाकार , और नामी सामाजिक संगठन और विचारक,देश की अर्थव्यवस्था , मंहगाई,अत्याचार और देश का विश्व समुदाय में गिरते साख पर लगातार चिंता की जा रही है, तब ऐसे मौके पर आपको भी हस्ताक्षेप करना होगा, देश का नागरिक कहीं ना कहीं दुखी हैं,प्रताड़ित है। चूंकि वह कहीं आपका पिता,माता भाई बहन पत्नि बेटा भतीजा भी है,कहीं पर वह आपका परम मित्र हैं, पड़ोसी है, क्या बिना सोचे समझे उस पर गोलियां चला दोगे। नहीं जितनी जिम्मेदारी आपकी देश रक्षा की है उतनी ही जिम्मेदारी देश के नागरिकों की रक्षा और उनके वाजिब हक अधिकारों पर अपना दखल रखने की है। आप अंग्रेजी राज्य के सैनिक मत बनो,जो चंद शासकों के पागलपन के आदेश पर अपनों पर ही गोलियां चला दो। आज देश अंग्रेजों से मुक्त है। आज आपको देश हित समाज हित में स्वस्फूर्त फैसला लेने का अधिकार है, सत्ता के मद में चूर होकर जनविरोधी राष्ट्र विरोधी फैसले लेने वालों के आदेशों को नकारने का साहस पैदा करो, बुद्धि विवेक का प्रयोग करो । अन्यथा सत्ताधारी आप लोगों की राष्ट्र भक्ति और असहजता का दुरूपयोग करके इस देश में तानाशाही सत्ता की स्थापना करने से नहीं चूकेंगे। जहां पर केवल तानाशाह के आदेश का आपको आंख बंद करके पालन करना पडेगा , तब आपके बंदूक से निकली गोली मां बाप भाई बहन पत्नि बच्चा या किसी को नहीं पहचानेगी । समाज और राष्ट्र हित में आपसे इतना ही अनुरोध कर सकता हूं।
(गुलजार सिंह मरकाम रासंगोंसक्रांआं)
क्या देश में पुलिस,अर्द्धसैनिक बल,और मिलिट्री के जवानों में संविधान की समझ नहीं होती ? सत्ताधारी यदि राष्ट्र में असंतोष फैलाये, मनमानी करने लगे, देश के संविधान की धज्जियां उड़ाने लगे तब क्या,हमारे सैनिकों को इस पर विचार नहीं करना चाहिये ? आज जब देश के बुद्धिजीवि ,अर्थशास्त्री, न्यायविद , कलाकार , और नामी सामाजिक संगठन और विचारक,देश की अर्थव्यवस्था , मंहगाई,अत्याचार और देश का विश्व समुदाय में गिरते साख पर लगातार चिंता की जा रही है, तब ऐसे मौके पर आपको भी हस्ताक्षेप करना होगा, देश का नागरिक कहीं ना कहीं दुखी हैं,प्रताड़ित है। चूंकि वह कहीं आपका पिता,माता भाई बहन पत्नि बेटा भतीजा भी है,कहीं पर वह आपका परम मित्र हैं, पड़ोसी है, क्या बिना सोचे समझे उस पर गोलियां चला दोगे। नहीं जितनी जिम्मेदारी आपकी देश रक्षा की है उतनी ही जिम्मेदारी देश के नागरिकों की रक्षा और उनके वाजिब हक अधिकारों पर अपना दखल रखने की है। आप अंग्रेजी राज्य के सैनिक मत बनो,जो चंद शासकों के पागलपन के आदेश पर अपनों पर ही गोलियां चला दो। आज देश अंग्रेजों से मुक्त है। आज आपको देश हित समाज हित में स्वस्फूर्त फैसला लेने का अधिकार है, सत्ता के मद में चूर होकर जनविरोधी राष्ट्र विरोधी फैसले लेने वालों के आदेशों को नकारने का साहस पैदा करो, बुद्धि विवेक का प्रयोग करो । अन्यथा सत्ताधारी आप लोगों की राष्ट्र भक्ति और असहजता का दुरूपयोग करके इस देश में तानाशाही सत्ता की स्थापना करने से नहीं चूकेंगे। जहां पर केवल तानाशाह के आदेश का आपको आंख बंद करके पालन करना पडेगा , तब आपके बंदूक से निकली गोली मां बाप भाई बहन पत्नि बच्चा या किसी को नहीं पहचानेगी । समाज और राष्ट्र हित में आपसे इतना ही अनुरोध कर सकता हूं।
(गुलजार सिंह मरकाम रासंगोंसक्रांआं)
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