युवाओं के आन्दोलन की नई खेती में मुख्य फसल के साथ साथ नवगुलामों की खरपतवार भी दिखने लगी है । इसे पैदा ना होने दें ।
युवाओं के आन्दोलन की नई खेती में मुख्य फसल के साथ साथ नवगुलामों की खरपतवार भी दिखने लगी है । इसे पैदा ना होने दें ।
साथियों युवा आदिवासियों द्वारा वर्तमान मनुवादी सामाजिक आर्थिक सांस्कृतिक एवं राजनीतिक व्यवस्था पर लगातार हमले से व्यवस्था के संचालकों की नींद खराब तो हो ही रही है । साथ साथ आदिवासी समाज के उन लोगों पर जो मनुवादियों का हथियार बनकर चल रहे हैं लगातार बैचेनी दिखाई देने लगी है । वे सोचने लगे हैं कि इधर जायें या उधर जायें । कुछ चर्चित चेहरे समय का इन्तजार कर रहे हैं । कुछ समाज की सामाजिक आर्थिक सांस्कृतिक एवं राजनीतिक धारा में बहकर देख रहे हैं। युवा वर्ग के कुछ फ्रेंडस में भी कुछ अवसरवाद के लक्षण दिखाई देने लगे हैं । जो युवा आन्दोनल को नुकसान पहुंचा सकते हैं । इस आन्दोलन का एक पैमाना निर्धारित कर देना चाहिए कि यह आन्दोलन मनुवाद के विरूद्ध है । कहीं भी किसी फ्रेंड की मानसिकता या उनके द्वारा प्रेषित पोस्ट में मनुवादी झलक पाई जाती है तो उसे तत्काल आगाह किया जाये । एक गल्ती को यदि बार बार दुहराता है तो उससे संबंध समाप्त कर लिये जायें । फसल के बीच खरपतवार नुकसानदायक है इसलिये हमारा किसान भाई फसल के छोटेपन में ही खरपतवार को नष्ट कर देता है तभी वह शुद्ध फसल पाता है । अन्यथा खरपतवार फसल को लगातार नुकसान पहुंचाता रहता है । अभी तक आदिवासी आन्दोलन इन्हीं खरपतवार जो फसल के रंग रूप में दिखाई देते हैं हम उन्हें फसल का पौधा समझकर बढने देते हैं बाद में वह नुकसान दायक हो जाता है जिसे राजनीति की भाशा में समाज में पैदा हुआ लेकिन अन्यों का गुलाम कहा जाता है । इसलिये नई फसल में गुलाम लोग पैदा ना हों इसका ध्यान रखें ।
साथियों युवा आदिवासियों द्वारा वर्तमान मनुवादी सामाजिक आर्थिक सांस्कृतिक एवं राजनीतिक व्यवस्था पर लगातार हमले से व्यवस्था के संचालकों की नींद खराब तो हो ही रही है । साथ साथ आदिवासी समाज के उन लोगों पर जो मनुवादियों का हथियार बनकर चल रहे हैं लगातार बैचेनी दिखाई देने लगी है । वे सोचने लगे हैं कि इधर जायें या उधर जायें । कुछ चर्चित चेहरे समय का इन्तजार कर रहे हैं । कुछ समाज की सामाजिक आर्थिक सांस्कृतिक एवं राजनीतिक धारा में बहकर देख रहे हैं। युवा वर्ग के कुछ फ्रेंडस में भी कुछ अवसरवाद के लक्षण दिखाई देने लगे हैं । जो युवा आन्दोनल को नुकसान पहुंचा सकते हैं । इस आन्दोलन का एक पैमाना निर्धारित कर देना चाहिए कि यह आन्दोलन मनुवाद के विरूद्ध है । कहीं भी किसी फ्रेंड की मानसिकता या उनके द्वारा प्रेषित पोस्ट में मनुवादी झलक पाई जाती है तो उसे तत्काल आगाह किया जाये । एक गल्ती को यदि बार बार दुहराता है तो उससे संबंध समाप्त कर लिये जायें । फसल के बीच खरपतवार नुकसानदायक है इसलिये हमारा किसान भाई फसल के छोटेपन में ही खरपतवार को नष्ट कर देता है तभी वह शुद्ध फसल पाता है । अन्यथा खरपतवार फसल को लगातार नुकसान पहुंचाता रहता है । अभी तक आदिवासी आन्दोलन इन्हीं खरपतवार जो फसल के रंग रूप में दिखाई देते हैं हम उन्हें फसल का पौधा समझकर बढने देते हैं बाद में वह नुकसान दायक हो जाता है जिसे राजनीति की भाशा में समाज में पैदा हुआ लेकिन अन्यों का गुलाम कहा जाता है । इसलिये नई फसल में गुलाम लोग पैदा ना हों इसका ध्यान रखें ।
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