गोंडवाना एक जन आन्दोलन है ।
गोंडवाना समग्र क्रांति के तहत चलाया जाने वाला कार्यकृम पूर्णतः जन आन्दोलन है जहां देश की वर्तमान जनविरोधी भय भूख और भृष्टाचार जैसी समस्यायें जन मानस को प्रभावित कर प्रदूषित कर रही हैं । वहीं गोंडवाना समग्र क्रांति के माध्यम से गोंडवाना की सामाजिक सांस्कृतिक आर्थिक धार्मिक राजनैतिक प्रदूषण के विरूद्ध जन आन्दोलन चलाकर हवा का रूख बदलने का प्रयास किया जा रहा है । समाज की आखरी इकाई आदिवासी दलित अल्पसंख्यक तथा गरीब तबके का यह आन्दोलन आशा की किरण के रूप में दिखाई दे रही है । समाज का प्रबुद्ध वर्ग भी इस आन्दोलन के साथ अपने आप को जोडकर गरीब असहाय लोगों के लिये अपनी वर्तमान सोच में बदलाव लाना चाहता है। साथ ही गोंडवाना आन्दोलन द्वारा चलाये जा रहे गतिविधियों का उचित मानता है । कारण भी है कि आज समाज का प्रत्येक हिस्सा चाहे वह किसी जाति वर्ग या समुदाय का हो अन्याय अत्याचार भृश्टाचार बलात्कार हत्या लूटपाट से तंग आ चुका है । वर्तमान चल रही व्यवस्था से पीडित है । समाज एक एैसा सामाजिक वातावरण चाहता है जिसमें प्रदूशण न हो । राजनेताओं के कृत्यों ने तो राजनीति को घृणास्पद बना दिया है । थोडी बहुत आषा अपने धर्मगुरूओं के मार्गदर्षन से थी तो वह भी उनके धिनौने कृत्यों से धराषायी हो चुकी । समाज अब वर्तमान कुव्यवस्था का विकल्प चाहता है । यह विकल्प समाज का बुद्धिजीवी युवा ही बन सकता है । कारण भी है कि उसे आने वाले विशम परिस्थितियों का सामना अधिक समय तक करना पडेगा । इस जिम्मेदारी के लिये समाज के युवाओं को कमर कसना होंगा । क्योंकि सामाजिक पर्यावरण राजनीति की दिषा को प्रभावित करता है । अतः समाज को राजनैतिक चेतना की भी आवष्कता है ।
गोंडवाना समग्र क्रांति के तहत चलाया जाने वाला कार्यकृम पूर्णतः जन आन्दोलन है जहां देश की वर्तमान जनविरोधी भय भूख और भृष्टाचार जैसी समस्यायें जन मानस को प्रभावित कर प्रदूषित कर रही हैं । वहीं गोंडवाना समग्र क्रांति के माध्यम से गोंडवाना की सामाजिक सांस्कृतिक आर्थिक धार्मिक राजनैतिक प्रदूषण के विरूद्ध जन आन्दोलन चलाकर हवा का रूख बदलने का प्रयास किया जा रहा है । समाज की आखरी इकाई आदिवासी दलित अल्पसंख्यक तथा गरीब तबके का यह आन्दोलन आशा की किरण के रूप में दिखाई दे रही है । समाज का प्रबुद्ध वर्ग भी इस आन्दोलन के साथ अपने आप को जोडकर गरीब असहाय लोगों के लिये अपनी वर्तमान सोच में बदलाव लाना चाहता है। साथ ही गोंडवाना आन्दोलन द्वारा चलाये जा रहे गतिविधियों का उचित मानता है । कारण भी है कि आज समाज का प्रत्येक हिस्सा चाहे वह किसी जाति वर्ग या समुदाय का हो अन्याय अत्याचार भृश्टाचार बलात्कार हत्या लूटपाट से तंग आ चुका है । वर्तमान चल रही व्यवस्था से पीडित है । समाज एक एैसा सामाजिक वातावरण चाहता है जिसमें प्रदूशण न हो । राजनेताओं के कृत्यों ने तो राजनीति को घृणास्पद बना दिया है । थोडी बहुत आषा अपने धर्मगुरूओं के मार्गदर्षन से थी तो वह भी उनके धिनौने कृत्यों से धराषायी हो चुकी । समाज अब वर्तमान कुव्यवस्था का विकल्प चाहता है । यह विकल्प समाज का बुद्धिजीवी युवा ही बन सकता है । कारण भी है कि उसे आने वाले विशम परिस्थितियों का सामना अधिक समय तक करना पडेगा । इस जिम्मेदारी के लिये समाज के युवाओं को कमर कसना होंगा । क्योंकि सामाजिक पर्यावरण राजनीति की दिषा को प्रभावित करता है । अतः समाज को राजनैतिक चेतना की भी आवष्कता है ।
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