"गोंडवाना के समस्त आदिवासी समुदाय के आंतरिक और गूढ ज्ञान का संहिता करण किया जाये ।"
गोंडवाना के समस्त आदिवासी समुदाय का गुणी और ज्ञानवंत व्यक्ति समाज के विकास से संबंधित ज्ञान को उभारकर आंतरिक और गूढ ज्ञान को सामाजिक सतह पर लाकर उसका सहिंताकरण करे । उस ज्ञान से समाज को अवगत कराये संस्कारित करे । यही ज्ञान हमारी आने वाली पीढीयों का सदैव मार्गदर्शन करती रहेगी । अन्यों के द्धारा हमारे ज्ञान के संहिताकरण में काफी विभेद है पर आज के समय में सोशल मीडिया के माध्यम से समाज के बहुत से गुण अवगुण और हर तरह का ज्ञान उभरकर सतह पा आ रहा है, इसका पत्र, पत्रिका, पुस्तक, फोटो, वीडियो आदि के माध्यम से लगातार संहिता करण किया जाये ।
गोंडवाना के समस्त आदिवासी समुदाय का गुणी और ज्ञानवंत व्यक्ति समाज के विकास से संबंधित ज्ञान को उभारकर आंतरिक और गूढ ज्ञान को सामाजिक सतह पर लाकर उसका सहिंताकरण करे । उस ज्ञान से समाज को अवगत कराये संस्कारित करे । यही ज्ञान हमारी आने वाली पीढीयों का सदैव मार्गदर्शन करती रहेगी । अन्यों के द्धारा हमारे ज्ञान के संहिताकरण में काफी विभेद है पर आज के समय में सोशल मीडिया के माध्यम से समाज के बहुत से गुण अवगुण और हर तरह का ज्ञान उभरकर सतह पा आ रहा है, इसका पत्र, पत्रिका, पुस्तक, फोटो, वीडियो आदि के माध्यम से लगातार संहिता करण किया जाये ।
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