"आजादी के संघर्ष की तैयारी"
शोसल मीडिया की तेज रफतार, संवाद-संचार ने हर क्षेत्र में सामाजिक चेतना और अभिव्यक्ति को नया आयाम दिया है, इसका उपयोग सामाजिक क्रांति में संविधान की मंशानुरूप व्यवस्थित कर लिया गया तो, देश में वर्तमान सडी गली सामाजिक ,संस्कृतिक ,आर्थिक ,राजनैतिक व्यवस्था के खिलाफ एक नई जंग की अच्छी शुरूआत हो सकती है । आसार अच्छे हैं बस आन्दोलनों को व्यवस्थित करने की आवश्यकता है । वर्ष 1996 में भोपाल प्रवास के दैारान आस्ट्रेलिया से आये एक गोंड मूलनिवासी "केन कोल बंग" नें रायसेन जिले के तिलेंडी ग्राम में गोंडवाना महासभा द्वारा आयोजित एक कार्यकृम में अपने वकतव्य में कहा था "आप लोग व्यवस्था के खिलाफ लगातार जंग जारी रखो जिस तरह आप लोगों ने अंग्रेजो के विरूद्ध सफलता पाई है उसी तरह शोषको से भी मुक्ति पा जाओगे" । यह संदेश आजादी के संघर्ष के लिये तैयारी का संदेश था ।
शोसल मीडिया की तेज रफतार, संवाद-संचार ने हर क्षेत्र में सामाजिक चेतना और अभिव्यक्ति को नया आयाम दिया है, इसका उपयोग सामाजिक क्रांति में संविधान की मंशानुरूप व्यवस्थित कर लिया गया तो, देश में वर्तमान सडी गली सामाजिक ,संस्कृतिक ,आर्थिक ,राजनैतिक व्यवस्था के खिलाफ एक नई जंग की अच्छी शुरूआत हो सकती है । आसार अच्छे हैं बस आन्दोलनों को व्यवस्थित करने की आवश्यकता है । वर्ष 1996 में भोपाल प्रवास के दैारान आस्ट्रेलिया से आये एक गोंड मूलनिवासी "केन कोल बंग" नें रायसेन जिले के तिलेंडी ग्राम में गोंडवाना महासभा द्वारा आयोजित एक कार्यकृम में अपने वकतव्य में कहा था "आप लोग व्यवस्था के खिलाफ लगातार जंग जारी रखो जिस तरह आप लोगों ने अंग्रेजो के विरूद्ध सफलता पाई है उसी तरह शोषको से भी मुक्ति पा जाओगे" । यह संदेश आजादी के संघर्ष के लिये तैयारी का संदेश था ।
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