"गोंडवाना के अंदर आदिवासी या आदिवासी के अंदर गोंडवाना ।"
गोंडवाना आन्दोलन में सक्रिय लोग भलीभांति जानते हैं कि गोंडवाना आधी धरती का नाम है । गोंडवाना एक भूभाग है गोंडवाना एक राष्ट्र है गोंडवाना 16 वीं सदी तक भी एक राज्य के रूप में भी देश के नक्से में मौजूद था, फिर आदिवासी तो उसी भूभाग राष्ट्र या राज्य के अंदर ही मौजूद रहा है । इसलिये हमें आदिवासी को अलग देखकर गोंडवाना की कल्पना नहीं कर सकते ना ही गोंडवाना को विस्मृत करके आदिवासी के अतीत के गौरव को बढा सकते । इसलिये समस्त आदिवासी मूलनिवासी गोंडवाना भूभाग, गोंडवाना राष्ट्र, गोंडवाना राज्य, का मूल वासिंदा है । यही मूलनिवासी आदिवासियों का राष्ट्र है । इस पर समस्त मूलनिवासियों को गर्व होना चाहिये । चाहे वह देश के किसी भी इलाके का मूलनिवासी हो ।
"देश को हिन्दुस्तान कहकर छदम हिन्दुत्व को मजबूत मत करो ।"
हमारे पछे लिखे बहुत से लोग जाने अंजाने में देश को हिन्दुस्तान कह कर संबोधित करते हैं । इस गल्ति का सुधार होना चाहिए । इसतरह के संबोधन से हम कहीं ना कहीं देशवासियों की बुद्धि में ठूस ठूस कर भर दी गई हिन्न्दु मानसिकता को बल मिलता है । जबकि इस शब्द के मायने को बहुत से लोग अच्छी तरह से जानते हैं । हमारे मुस्लिम साथी तो इसका हमेंशा उपयोग करते हैं इसका कारण वे अच्छी तरह समझते हैं, वे जानबूझकर उपयोग करते हैं, जिसके कारण बाकी कथित हिन्दु एकजुट होकर उनके खिलाफ हो जाते हैं । मेरा मानना है कि इस हिन्दुस्तान शब्द का प्रचलन ही बंद हो जाय, तो कथित हिन्दुत्व की मानसिकता समाप्त हो सकती है । अन्यथा कथित हिन्दु मुस्लिम के बीच लकीर खिची रहेगी अवसरवादी उसका लाभ लेता रहेगा । यही कारण है कि अम्बेडकरवादी वादी दर्शन के लोग इसे "भारत" कहते हैं इसाईयत सम्प्रदाय "इन्डिया" संबोधित करता है आदिवासी इसे "गोंडवाना" कहे तो कुछ होना संभव हो सकता है । जब आदिवासी भी हिन्दु नहीं है तब उसका संबोधन हिन्दुस्तान कैसे हो सकता है । यह शब्द मात्र का मामला नहीं बल्कि मनोविज्ञान का मामला है !
गोंडवाना आन्दोलन में सक्रिय लोग भलीभांति जानते हैं कि गोंडवाना आधी धरती का नाम है । गोंडवाना एक भूभाग है गोंडवाना एक राष्ट्र है गोंडवाना 16 वीं सदी तक भी एक राज्य के रूप में भी देश के नक्से में मौजूद था, फिर आदिवासी तो उसी भूभाग राष्ट्र या राज्य के अंदर ही मौजूद रहा है । इसलिये हमें आदिवासी को अलग देखकर गोंडवाना की कल्पना नहीं कर सकते ना ही गोंडवाना को विस्मृत करके आदिवासी के अतीत के गौरव को बढा सकते । इसलिये समस्त आदिवासी मूलनिवासी गोंडवाना भूभाग, गोंडवाना राष्ट्र, गोंडवाना राज्य, का मूल वासिंदा है । यही मूलनिवासी आदिवासियों का राष्ट्र है । इस पर समस्त मूलनिवासियों को गर्व होना चाहिये । चाहे वह देश के किसी भी इलाके का मूलनिवासी हो ।
"देश को हिन्दुस्तान कहकर छदम हिन्दुत्व को मजबूत मत करो ।"
हमारे पछे लिखे बहुत से लोग जाने अंजाने में देश को हिन्दुस्तान कह कर संबोधित करते हैं । इस गल्ति का सुधार होना चाहिए । इसतरह के संबोधन से हम कहीं ना कहीं देशवासियों की बुद्धि में ठूस ठूस कर भर दी गई हिन्न्दु मानसिकता को बल मिलता है । जबकि इस शब्द के मायने को बहुत से लोग अच्छी तरह से जानते हैं । हमारे मुस्लिम साथी तो इसका हमेंशा उपयोग करते हैं इसका कारण वे अच्छी तरह समझते हैं, वे जानबूझकर उपयोग करते हैं, जिसके कारण बाकी कथित हिन्दु एकजुट होकर उनके खिलाफ हो जाते हैं । मेरा मानना है कि इस हिन्दुस्तान शब्द का प्रचलन ही बंद हो जाय, तो कथित हिन्दुत्व की मानसिकता समाप्त हो सकती है । अन्यथा कथित हिन्दु मुस्लिम के बीच लकीर खिची रहेगी अवसरवादी उसका लाभ लेता रहेगा । यही कारण है कि अम्बेडकरवादी वादी दर्शन के लोग इसे "भारत" कहते हैं इसाईयत सम्प्रदाय "इन्डिया" संबोधित करता है आदिवासी इसे "गोंडवाना" कहे तो कुछ होना संभव हो सकता है । जब आदिवासी भी हिन्दु नहीं है तब उसका संबोधन हिन्दुस्तान कैसे हो सकता है । यह शब्द मात्र का मामला नहीं बल्कि मनोविज्ञान का मामला है !
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