"सांस्कृतिक युद्ध की पहली विजय"
"आज भले ही सत्ता के संरक्षण में, सत्ता के प्रभाव में असली रावेन की विचारधारा के प्रतीक रूप रावण के पुतले जलाये गये पर यह सांस्कृतिक युद्ध की पहली शुरूआत है, जब सारे देश में किसी ने "कागज के राम जलाये" किसी ने "रावेन की पूजा की" तो किसी नें अंतर्मन से "राम के कृत्य" का विरोध किया । पर सारे देश में आदिवासियों और अन्य मूल संस्कृति के धारकों के मन से "राम निकल गये" ये सांस्कृतिक युद्ध के शुरूआत की पहली विजय है । इसी तरह लगातार वैचारिक और व्यवहारिक धरातल पर हमारे जाबांज सैनिक आगे बढते रहे तो "असत्य पर सत्य की विजय" सुनिश्चित है । मनुवाद पर मानवतावाद, बामनवाद पर भुमकावाद (श्रमणवाद) आर्यों पर अनार्यों की विजय सुनश्चित है ।"- gulzar singh markam
"आज भले ही सत्ता के संरक्षण में, सत्ता के प्रभाव में असली रावेन की विचारधारा के प्रतीक रूप रावण के पुतले जलाये गये पर यह सांस्कृतिक युद्ध की पहली शुरूआत है, जब सारे देश में किसी ने "कागज के राम जलाये" किसी ने "रावेन की पूजा की" तो किसी नें अंतर्मन से "राम के कृत्य" का विरोध किया । पर सारे देश में आदिवासियों और अन्य मूल संस्कृति के धारकों के मन से "राम निकल गये" ये सांस्कृतिक युद्ध के शुरूआत की पहली विजय है । इसी तरह लगातार वैचारिक और व्यवहारिक धरातल पर हमारे जाबांज सैनिक आगे बढते रहे तो "असत्य पर सत्य की विजय" सुनिश्चित है । मनुवाद पर मानवतावाद, बामनवाद पर भुमकावाद (श्रमणवाद) आर्यों पर अनार्यों की विजय सुनश्चित है ।"- gulzar singh markam
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