"गोन्डवाना समग्र क्रांति एक विचारधारा"
गोन्डवाना समग्र क्रांति आनदोलन एक विचारधारा का प्रतिनिधित्व करती है। जो गोन्डवाना भूभाग के वर्तमान भारत में चल रही अनेक विचारधाराओं के सामने मुकाबला कर अपनी श्रेष्ठता साबित कर सके। गोन्डवाना की विचारधारा का आरम्भिक ल्हास आर्यों के आगमन से आरंभ हो जाता है तत्पश्चात लगातार विदेशी विचारधाराओं से सन्घर्ष करता हुआ आज अपने अस्तित्व को बनाए रखकर भारतीय जनमानस के अन्तस में पुनः जगह बनाने में प्रयत्नशील है। गोन्डवाना समग्र क्रांति एक राष्ट्र की मुख्यधारा का प्रतीक है। जो विभिन्न आयामों में, यथा भाषा, धर्म, सन्सक्रति , साहित्य, राजनीतिक, शैक्षिक, व्यवसायिक सहित अनेक रूपों में सन्चालित करने का प्रयास लम्बे समय से चल रहा है। अन्य विचारधाराओं से प्रभावित मूल गोन्डियन विचारधारा को स्थापित किये बिना राष्ट्र की मुख्यधारा में लाने का तथाकथित शासकीय प्रयास निरर्थक है। वर्तमान प्रभावशील विचारधाराओ ने राष्ट्र के चरित्र का अन्तराष्ट्रीय स्तर पर धब्बा लगाया है। इस धब्बे को मिटाने की जिम्मेदारी इस विचारधारा के वाहकों की है। विचारधारा समग्र आयामों पर सफल हो तभी समग्र क्रांति आन्दोलन की जीत होगी। गोन्डवाना समग्र क्रांति की अनेक शाखाएँ आज शनैः शनैः अपने पक्ष को मजबूत करनेका प्रयास कर रहे है। एक शाखा उसे अपने तौर पर सन्चालित कर रही है। दूसरी शाखा के अपने तौर तरीके हैं। पर सबका लक्ष्य गोन्डवाना समग्र क्रांति की विचारधारा को भारतीय मानस पटल पर स्थापित करना है। इसलिये इस लक्ष्य को हासिल करने के लिये लक्ष्य हासिल करने वाली शाखा के तौर तरीके काफी महत्व रखते हैं। शाखाओं की उपशाखाए बने लेकिन लक्ष्य विचारधारा का प्रचार प्रसार और स्थापना हो -गुलज़ार सिंह मरकाम ( सम्पादक अखन्ड गोन्डवाना पाक्षिक समाचार)
गोन्डवाना समग्र क्रांति आनदोलन एक विचारधारा का प्रतिनिधित्व करती है। जो गोन्डवाना भूभाग के वर्तमान भारत में चल रही अनेक विचारधाराओं के सामने मुकाबला कर अपनी श्रेष्ठता साबित कर सके। गोन्डवाना की विचारधारा का आरम्भिक ल्हास आर्यों के आगमन से आरंभ हो जाता है तत्पश्चात लगातार विदेशी विचारधाराओं से सन्घर्ष करता हुआ आज अपने अस्तित्व को बनाए रखकर भारतीय जनमानस के अन्तस में पुनः जगह बनाने में प्रयत्नशील है। गोन्डवाना समग्र क्रांति एक राष्ट्र की मुख्यधारा का प्रतीक है। जो विभिन्न आयामों में, यथा भाषा, धर्म, सन्सक्रति , साहित्य, राजनीतिक, शैक्षिक, व्यवसायिक सहित अनेक रूपों में सन्चालित करने का प्रयास लम्बे समय से चल रहा है। अन्य विचारधाराओं से प्रभावित मूल गोन्डियन विचारधारा को स्थापित किये बिना राष्ट्र की मुख्यधारा में लाने का तथाकथित शासकीय प्रयास निरर्थक है। वर्तमान प्रभावशील विचारधाराओ ने राष्ट्र के चरित्र का अन्तराष्ट्रीय स्तर पर धब्बा लगाया है। इस धब्बे को मिटाने की जिम्मेदारी इस विचारधारा के वाहकों की है। विचारधारा समग्र आयामों पर सफल हो तभी समग्र क्रांति आन्दोलन की जीत होगी। गोन्डवाना समग्र क्रांति की अनेक शाखाएँ आज शनैः शनैः अपने पक्ष को मजबूत करनेका प्रयास कर रहे है। एक शाखा उसे अपने तौर पर सन्चालित कर रही है। दूसरी शाखा के अपने तौर तरीके हैं। पर सबका लक्ष्य गोन्डवाना समग्र क्रांति की विचारधारा को भारतीय मानस पटल पर स्थापित करना है। इसलिये इस लक्ष्य को हासिल करने के लिये लक्ष्य हासिल करने वाली शाखा के तौर तरीके काफी महत्व रखते हैं। शाखाओं की उपशाखाए बने लेकिन लक्ष्य विचारधारा का प्रचार प्रसार और स्थापना हो -गुलज़ार सिंह मरकाम ( सम्पादक अखन्ड गोन्डवाना पाक्षिक समाचार)
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