पान्चवी, छठवीं अनुसूचि में प्रदत्त अधिकार के प्रति जागरूकता अनिवार्य है , पर धर्म पूर्वी का राग आदिवासी को धर्म/पुनेम के प्रति उदासीन कर धर्मांतरण के लिये मार्ग प्रशस्त करने का प्रयास है। इस मुहिम में आरएसएस एवं ईसाई मिशनरियो के आन्तरिक समझौते की झलक दिखाई देती है । जब आदिवासी हिन्दु नही तब उसका धर्म क्या है ? क्या उसे अपना धर्म लिखने के बजाय हिन्दू या इसाई या अन्य धर्म लिखना चाहिये ? इसका मतलब यह कि आदिवासी भले ही धर्मान्तरण करले पर अपना धर्म ना लिखे । यह विषय सन्वेदनशील है इस विषय पर चिन्तन की आवश्यकता है । - Gsmarkam "आदिवासीयो के"धर्म"कोड से धर्मांतरण रुकेगा अन्यथा आदिवासियत खत्म हो जायेगी। धर्मांतरण से आदिवासीयो की समाजिक , धार्मिक, सान्स्क्रतिक मूल्यों का पतन हो जायेगा ।"- Gsmarkam