part-1 "संविधान में पांचवीं अनुसूचि का महत्व" संविधान में पांचवीं अनुसूचि का महत्व इसलिये महत्वपूर्ण है कि आदिवासियों के लिये जल जंगल जमीन की रक्षा के साथ साथ अपने अस्तित्व की रक्षा के लिये जिसमें इनके संस्कार संस्कृति और रूढि परंपरायें संरक्षित होती हैं अधिक महत्व रखता है । शरणार्थी सिंधी के पास ना जल जंगल जमीन नहीं थी पर वे अपनी संस्कृति संस्कारों रूढि परंपराओं के बल पर आज देश के सबसे बडे व्यापारी हैं । आज वे सत्ता पर दखल देने लायक हो चुके हैं । मुस्लिम के पास भी इतनी जल जंगल जमी न नहीं पर वे अल्पसंख्यक होने के बावजूद हर जगह पर बराबर के भागीदार बने हुए हैं क्रिकेट , संगीत ,फिलम् व्यापार आदि में उनकी तूती बोलती है । वहीं जैन अल्पसंख्यकों के पास जल जंगल जमीन नहीं पर इनकी व्यापारिक प्रतिष्ठा के सभी लोग कायल हैं । इसलिये पांचवीं अनुसूचि से हमारी जल जंगल जमीन से अधिक हमारे संस्कृति, संस्कारों ,रूढि परंपराआओं को संरक्क्षण है इसलिये आदिवासी समुदाय और इसके युवा बहुकोंणीय लाभ की दृष्टि से पांचवीं अनुसूचि के आन्दोलन को पूरी तरह सफल बनायें -gsmarkam part-2 “रवीस ...