"सरकारों की नीतियां नहीं, जुगाडों से तरक्की कर रहा है हमारा देश (डीजल इंजन से मालवाहक वाहन का उपयोग करता किसान !"
भारत देश जुगाडों की इंजीनियरिंग से चल रहा है जिसका राष्टीय विकास में बहुत बडा योगदान होता है ,लेकिन इसकी गिनती नहीं की जाती । वरना हमारे देश के मोटी मोटी रकम पाने वाले वैज्ञानिक कथित योग्यता वाले इस देश को कुछ नहीं दे पा रहे हैं । आधी से अधिक आबादी जुगाड के स्वास्थ्य अर्थात देशी जडीबूटी, मनोवैज्ञानिक झाडफूंक पर आश्रित है ! देश की सरकारों ने आज तक मानवीय स्चास्थ की देखभाल का लक्ष्य हासिल नहीं किया है । एक्सरसाईज के लिये अंग्रेजों की सायकिल को हमारे ग्रामीण ज्ञान ने वाहन के रूप में इस्तेमाल कर शब्जी का, धंधा दूध का धंधा ,पत्नि और तीन बच्चों को सायकिल के आगे पीछे डंडे पर बिठाकर वाहन के रूप में उपयोग आदि के लिये उपयोग कर भारतीय अर्थव्यवस्था में अपना बहुमूल्य योगदान दे रहे हैं ,पर सरकारों को इन ग्रामीणों की चिंता नहीं । एैसे बहुत से क्षेत्रों में स्थानीय ग्रामीण ज्ञान ने भारत की तरक्की में अपना प्रत्यक्ष अप्रत्यक्ष योगदान दिया है जिसे भुलाया नहीं जा सकता !-gsmarkam
भारत देश जुगाडों की इंजीनियरिंग से चल रहा है जिसका राष्टीय विकास में बहुत बडा योगदान होता है ,लेकिन इसकी गिनती नहीं की जाती । वरना हमारे देश के मोटी मोटी रकम पाने वाले वैज्ञानिक कथित योग्यता वाले इस देश को कुछ नहीं दे पा रहे हैं । आधी से अधिक आबादी जुगाड के स्वास्थ्य अर्थात देशी जडीबूटी, मनोवैज्ञानिक झाडफूंक पर आश्रित है ! देश की सरकारों ने आज तक मानवीय स्चास्थ की देखभाल का लक्ष्य हासिल नहीं किया है । एक्सरसाईज के लिये अंग्रेजों की सायकिल को हमारे ग्रामीण ज्ञान ने वाहन के रूप में इस्तेमाल कर शब्जी का, धंधा दूध का धंधा ,पत्नि और तीन बच्चों को सायकिल के आगे पीछे डंडे पर बिठाकर वाहन के रूप में उपयोग आदि के लिये उपयोग कर भारतीय अर्थव्यवस्था में अपना बहुमूल्य योगदान दे रहे हैं ,पर सरकारों को इन ग्रामीणों की चिंता नहीं । एैसे बहुत से क्षेत्रों में स्थानीय ग्रामीण ज्ञान ने भारत की तरक्की में अपना प्रत्यक्ष अप्रत्यक्ष योगदान दिया है जिसे भुलाया नहीं जा सकता !-gsmarkam
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