“सावधान मप्र में विधान सभा नजदीक है”
मप्र में कुछ आदिवासी नेता अपने दलों के प्रति खुलकर प्रतिबद्ध हैं । यथा कॉग्रेस,भाजपा,बसपा,भाकपा,आप,भागोंपा,गोंगपा, बीएमपी,बीएसडी,एपीआई , समानता दल आरपीआई आदि ,चूंकि जानकारी के अनुशार आदिवासी सभी दलों में विद्दमान है इसलिये !
जो व्यक्ति जिस दल पर आस्था रखता है । वह अपनी प्रतिबद्धता शीघ्र उजागर करके अपने नेता और विचारधारा का प्रचार शुरू करे । समुदाय स्वयं निर्णय करेगा कि किसका समर्थन करना है किसका नहीं । केवल टिकिट पाने की लालसा से अपने आपको मध्यमार्गी बनाये रखने का प्रयास करोगे तो “घर के रहोगे ना घाट के”
अंतत: मीठे अंगूर भी खट्टे लगने लगेंगे ।
राजनीति बुरी चीज हो जायेगी । समर्पण तो समर्पण है । समर्पित व्यक्ति किसी की परवाह नहीं करता बस अपना रास्ता लेकर चलता है । लाभ हानि उसके खाते की पूंजी नहीं होती , प्रतिबद्धता उसका साहस है । -gsmarkam
जो व्यक्ति जिस दल पर आस्था रखता है । वह अपनी प्रतिबद्धता शीघ्र उजागर करके अपने नेता और विचारधारा का प्रचार शुरू करे । समुदाय स्वयं निर्णय करेगा कि किसका समर्थन करना है किसका नहीं । केवल टिकिट पाने की लालसा से अपने आपको मध्यमार्गी बनाये रखने का प्रयास करोगे तो “घर के रहोगे ना घाट के”
अंतत: मीठे अंगूर भी खट्टे लगने लगेंगे ।
राजनीति बुरी चीज हो जायेगी । समर्पण तो समर्पण है । समर्पित व्यक्ति किसी की परवाह नहीं करता बस अपना रास्ता लेकर चलता है । लाभ हानि उसके खाते की पूंजी नहीं होती , प्रतिबद्धता उसका साहस है । -gsmarkam
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