"असली हिंदू को पहचानो" जब मूलनिवासी समूह से धर्मांतरित जैन बौद्ध मुस्लिम सिख ईसाई समुदाय के लोग संविधान में अल्पसंख्यक की श्रेणी में सूचीबद्घ हैं,तब सभी को एक दूसरे के साथ खड़ा दिखना चाहिए। इसी तरह आदिवासी हिंदू नहीं तो वह भी अल्पसंख्यक की श्रेणी में ही गिना जाएगा,इसी तरह अन्य पिछड़ा वर्ग और अनुसूचित जातियों के सजग लोग यह जानते हैं कि वे शूद्र हैं और हिंदू धर्म को नहीं मानते,फिर असली हिन्दू कौन बचता है केवल सवर्ण उसमें भी अन्य सवर्णों को हाशिए में डालकर रखने वाला "शातिर बामन" जिसने देश के 99 प्रतिशत ज्यूडिशरी 85 प्रतिशत प्रशासनिक सेवा और राजनितिक पदो पर आसीन है।यही हिंदू है,यही आर एस एस है। सभी को मिलकर इन्हे ठीक करना होगा।तभी देश अमन और शांति से रह सकता है। (गुलजार सिंह मरकाम राष्ट्रीय संयोजक गोंडवाना समग्र क्रांति आंदोलन)