देश के संगठन दंगों के पक्ष में है या विपक्ष में है दंगाइयों के साथ में है या शांतिप्रिय प्रदर्शनकारियों के साथ"
"देश के संगठन दंगों के पक्ष में है या विपक्ष में है दंगाइयों के साथ में है या शांतिप्रिय प्रदर्शनकारियों के साथ"
दिल्ली के दंगे की हवा को सारे देश में फैलाना चाहती है आर एस एस और बीजेपी ताकि बिहार जैसे बड़े राज्य में हिंदू-मुस्लिम करके सत्ता हासिल कर सकें। प्रश्न यह उठता है की यह दंगा एनआरसी के पक्षधर और एनआरसी सीसीए के विरुद्ध चल रहा है तो हमें समझ लेना चाहिए की इस दंगे में भाजपा विरुद्ध अन्य सभी दल एवं सीसीए एनआरसी विरोधी पार्टियां और संगठन है जब सारे देश में एनआरसी के विरुद्ध शांतिपूर्ण प्रदर्शन चल रहे हैं तब दंगे की शुरुआत कौन कर सकता है यह दिल्ली के भाजपाई दंगाई नेताओं और उनको सह देने वाले संप्रदायिक पुलिस ही दोषी है इसलिए सारे देश को यह समझ लेना चाहिए की आर एस एस और भाजपा एक तरफ है और इस देश की सारी पार्टियां और संगठन एक तरफ हैं यदि यह संगठन और पार्टियां एकजुटता का परिचय दें तो इस देश से आर एस एस और भाजपा जैसे संगठनों को और उनके अगुआ ओं को हमेशा के लिए समाप्त किया जा सकता है निर्णय देश की शांतिप्रिय जनता को लेना है कि वे एनआरसी एनपीआर के पक्ष में है या उसके विरुद्ध में है।
(गुलजार सिंह मरकाम राष्ट्रीय संयोजक गोंडवाना समग्र क्रांति आंदोलन)
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