"दिल्ली का परिणाम और आगामी विधानसभा चुनाव"
बिहार और बंगाल जैसे बड़े राज्यों को जीतने के लिये भाजपा ने दिल्ली में केजरीवाल के साथ "ईवीएम घुटाला" नहीं किया ताकि जनता के मन में विश्वास हो जाये कि ईवीएम में गड़बड़ी नहीं की जा सकती, इस बात को प्रचारित किया जायेगा कि यदि ऐसा होता तो केजरीवाल दिल्ली में हार जाता ! परन्तु आपको बता दूं भाजपा के लिए यह राज्य इतना महत्त्वपूर्ण नहीं था कारण कि यह केंद्र शासित प्रदेश है जहां की पुलिस प्रशासन और प्रशासनिक तंत्र केंद्र सरकार के अंडर रहती है। साथ ही इस महानगर निगम में भाजपा का कब्जा है, मनुवादी जय श्रीराम का स्थान जय बजरंगबली ने ले लिया। इसलिए कोई परेशानी नहीं।
यदि बिहार और बंगाल के लोग ईवीएम को क्लीन चिट देने की गलतफहमी पालते हैं तो, यहां भाजपा पूर्ण बहुमत में आकर यह साबित करने में सफल हो जायगी कि जनमत हमारे साथ है। जनता हमारे हर फैसले से संतुष्ट है। मूलनिवासी सावधान, ईवीएम आपके लिए सदैव खतरे की घंटी है।
(गुलजार सिंह मरकाम राष्ट्रीय संयोजक गोंडवाना समग्र क्रांति आंदोलन)
मध्यप्रदेश के गोन्ड बहुल जिला और मध्य काल के गोन्डवाना राज अधिसत्ता ५२ गढ की राजधानी गढा मन्डला के गोन्ड समुदाय में अपने गोत्र के पेन(देव) सख्या और उस गोत्र को प्राप्त होने वाले टोटेम सम्बन्धी किवदन्तिया आज भी यदा कदा प्रचलित है । लगभग सभी प्रचलित प्रमुख गोत्रो की टोटेम से सम्बन्धित किवदन्ति आज भी बुजुर्गो से सुनी जा सकती है । ऐसे किवदन्तियो का सन्कलन और अध्ययन कर गोन्डवाना सन्सक्रति के गहरे रहस्य को जानने समझने मे जरूर सहायता मिल सकती है । अत् प्रस्तुत है मरकाम गोत्र से सम्बन्धित हमारे बुजुर्गो के माध्यम से सुनी कहानी । चिरान काल (पुरातन समय) की बात है हमारे प्रथम गुरू ने सभी सभी दानव,मानव समूहो को व्यवस्थित करने के लिये अपने तपोभूमि में आमंत्रित किया जिसमें सभी समूह आपस में एक दूसरे के प्रति कैसे प्रतिबद्धता रखे परस्पर सहयोग की भावना कैसे रहे , यह सोचकर पारी(पाडी) और सेरमी(सेडमी/ ्हेडमी) नात और जात या सगा और सोयरा के रूप मे समाज को व्यवस्थित करने के लिये आमन्त्रित किया ,दुनिया के अनेको जगहो से छोटे बडे देव, दानव ,मानव समूह गुरू के स्थान पर पहुचने लगे , कहानी मे यह भी सुनने को मिलत...
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