आदिवासी समुदाय की नई पीढी को रूढी और परंपरागत ज्ञान का विधिवत हस्तांतरण हो । देश में चल रही शासकीय अशासकीय सेवा पाने और रोजगार धंधा के ज्ञान के लिये देश में प्रचलित सामान्य शिक्षा तो लिया ही जाय । लेकिन समुदाय के परंपरागत सामाजिक सांसकृतिक धार्मिक ज्ञान लेना भी अनिवार्य है । इस ज्ञान के विधिवत नई पीढी को हस्तांतण नहीं होने के कारण नई पीढी और पुरानी पीढी के बीच समझ और तालमेल की कमी हो जाती है । यह कमी आपस में टकराव का कारण बनती है । हालांकि हमारे पुरखों ने परंपरागत ज्ञान का पीढी दर पीढी हस्तांतरण होता रहे इसलिये बहुत से ज्ञान तत्व को दैनिक कार्यों नाच गान किस्से कहानियों में संलग्न कर दिया है ताकि ये क्रम लगातार जारी रहे गोटुल जैसी संस्थाओं के माध्यम से इस ज्ञान को जीवित रखने का प्रयास किया गया है परन्तु कथित विकास की अंधी दौड में नई और पुरानी पीढी के बीच इन विषयों पर संवादहीनता की कमी के चलते पारंपरिक ज्ञान कमजोर हो रहा है । इसलिये गोटुल जैसी संस्थाओं की पुर्नस्थापना तथा पारंपरिक रीतिरिवाज संस्कारों को मजबूत करना होगा । देश के विकसित अन्य समुदाय सामान्य शिक्षा के अतिरिक्त समुदाय की अपनी पारंपरिक शिक्षा अपने केंद्रों से प्राप्त करते रहते हैं इसलिये उनमें कहीं भी किसी भी परिस्थितियों से निपटने का साहस होता है । -gsmarkam
आदिवासी समुदाय की नई पीढी को रूढी और परंपरागत ज्ञान का विधिवत हस्तांतरण हो । देश में चल रही शासकीय अशासकीय सेवा पाने और रोजगार धंधा के ज्ञान के लिये देश में प्रचलित सामान्य शिक्षा तो लिया ही जाय । लेकिन समुदाय के परंपरागत सामाजिक सांसकृतिक धार्मिक ज्ञान लेना भी अनिवार्य है । इस ज्ञान के विधिवत नई पीढी को हस्तांतण नहीं होने के कारण नई पीढी और पुरानी पीढी के बीच समझ और तालमेल की कमी हो जाती है । यह कमी आपस में टकराव का कारण बनती है । हालांकि हमारे पुरखों ने परंपरागत ज्ञान का पीढी दर पीढी हस्तांतरण होता रहे इसलिये बहुत से ज्ञान तत्व को दैनिक कार्यों नाच गान किस्से कहानियों में संलग्न कर दिया है ताकि ये क्रम लगातार जारी रहे गोटुल जैसी संस्थाओं के माध्यम से इस ज्ञान को जीवित रखने का प्रयास किया गया है परन्तु कथित विकास की अंधी दौड में नई और पुरानी पीढी के बीच इन विषयों पर संवादहीनता की कमी के चलते पारंपरिक ज्ञान कमजोर हो रहा है । इसलिये गोटुल जैसी संस्थाओं की पुर्नस्थापना तथा पारंपरिक रीतिरिवाज संस्कारों को मजबूत करना होगा । देश के विकसित अन्य समुदाय सामान्य शिक्षा के अतिरिक्त समुदाय की अपनी पारंपरिक शिक्षा अपने केंद्रों से प्राप्त करते रहते हैं इसलिये उनमें कहीं भी किसी भी परिस्थितियों से निपटने का साहस होता है । -gsmarkam
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