(1) "मोर के आंसू"
हम तो पैदा कर लेते हैं दोने से द्रोणाचार्य को,
भले नपुंशक रहे परन्तु, बढा लिये परिवार को ।।
हो नियोग से बच्चे चाहे, हाथ पैर से निकल पडें,
अंधे बनो या मूर्ख कहाओ तीर, बांण से निकल पडे ।।
सेक्स सेक्स "आंसू" चिल्लाओ फर्क पडे ना मोर को,
हम तो पैदा कर लेते हैं दोने से द्रोणाचार्य को ।।
(2)"गाय माता"
गैया को मैया कहें पूंजें दिन और रात,
बछिया को सिस्टर कहो, तो है हिम्मत की बात ।
है हिम्मत की बात, बैल को भ्रात पुकारो,
है जनमत की राय सांड को बाप पुकारो ।।
हम तो पैदा कर लेते हैं दोने से द्रोणाचार्य को,
भले नपुंशक रहे परन्तु, बढा लिये परिवार को ।।
हो नियोग से बच्चे चाहे, हाथ पैर से निकल पडें,
अंधे बनो या मूर्ख कहाओ तीर, बांण से निकल पडे ।।
सेक्स सेक्स "आंसू" चिल्लाओ फर्क पडे ना मोर को,
हम तो पैदा कर लेते हैं दोने से द्रोणाचार्य को ।।
(2)"गाय माता"
गैया को मैया कहें पूंजें दिन और रात,
बछिया को सिस्टर कहो, तो है हिम्मत की बात ।
है हिम्मत की बात, बैल को भ्रात पुकारो,
है जनमत की राय सांड को बाप पुकारो ।।
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