"खरी खरी"
गोंडवाना का सामाजिक,धार्मिक सांस्कृतिक आंदोलन लगातार निर्बाध बढ़ रहा है, परंतु इसका राजनैतिक पक्ष दलाली और बिकाऊपन का शिकार होकर अस्ताचल की ओर जा रहा है। समुदाय का सामाजिक,धार्मिक सांस्कृतिक आंदोलन में विश्वास बढ़ा है लेकिन राजनीतिक आंदोलन पर से लगातार निराशा के कारण वोटबैंक कमजोर हुआ है,अब इसे रोकना कठिन हो गया है। गोंडवाना का राजनीतिक आंदोलन केवल तनाव या टेंशन मूव्हमेंट रह गया है जो थोड़ा बहुत दबाव बना सकता है पर परिणाम नहीं दे सकता। भाजपा अपने लाभ के लिये इसे कुछ दिन और जीवित रखने का प्रयास कर सकता है पर कांग्रेस इसे किसी भी कीमत पर पूरी तरह समाप्त कर देना चाहता है। इसलिये समुदाय सामाजिक,धार्मिक सांस्कृतिक आंदोलन के आधार को मजबूत करें,भविष्य में किसी भी रूप में गोंडवाना के राजनीतिक आंदोलन की पुनः वापसी संभव है।(गुलजार सिंह मरकाम रासंगोंसक्रांआं)
गोंडवाना का सामाजिक,धार्मिक सांस्कृतिक आंदोलन लगातार निर्बाध बढ़ रहा है, परंतु इसका राजनैतिक पक्ष दलाली और बिकाऊपन का शिकार होकर अस्ताचल की ओर जा रहा है। समुदाय का सामाजिक,धार्मिक सांस्कृतिक आंदोलन में विश्वास बढ़ा है लेकिन राजनीतिक आंदोलन पर से लगातार निराशा के कारण वोटबैंक कमजोर हुआ है,अब इसे रोकना कठिन हो गया है। गोंडवाना का राजनीतिक आंदोलन केवल तनाव या टेंशन मूव्हमेंट रह गया है जो थोड़ा बहुत दबाव बना सकता है पर परिणाम नहीं दे सकता। भाजपा अपने लाभ के लिये इसे कुछ दिन और जीवित रखने का प्रयास कर सकता है पर कांग्रेस इसे किसी भी कीमत पर पूरी तरह समाप्त कर देना चाहता है। इसलिये समुदाय सामाजिक,धार्मिक सांस्कृतिक आंदोलन के आधार को मजबूत करें,भविष्य में किसी भी रूप में गोंडवाना के राजनीतिक आंदोलन की पुनः वापसी संभव है।(गुलजार सिंह मरकाम रासंगोंसक्रांआं)
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