आदिवासी उपयोजना "टीएसपी (आदिवासी उपयोजना) का पैसा प्रचार प्रसार के लिए नहीं बल्कि आदिवासियों के उत्थान के लिए है"
केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय का काम यह है कि केंद्र सरकार के द्वारा विभिन्न विभागों के क्रियाकलाप और उनके प्रचार एवं प्रसार के लिए अपने मद से राशि आवंटित करना, परंतु मध्य प्रदेश सरकार की कम अकली कहै या अज्ञानता जिसमें आदिवासी विभाग के अंतर्गत आने वाले वनाधिकार अधिनियम के प्रचार प्रसार के लिए आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा प्रस्ताव भेजा जा रहा है जो कि सरासर गलत है यह प्रपोजल वनाधिकार के संबंध में प्रचार प्रसार के लिए सूचना एवं जनसंपर्क विभाग मध्यप्रदेश की ओर से जाना चाहिए परंतु यह प्रपोजल आदिम जाति कल्याण विभाग मध्यप्रदेश के द्वारा भेजा जाना यानी टीएसपी के पैसे से ही प्रचार प्रसार किया जाएगा जबकि टीएसपी का पैसा वनों में काबिज आदिवासियों के समग्र उत्थान के लिए आवंटित होता है इसलिए आप सभी से अनुरोध है की टीएसपी के पैसे से प्रचार-प्रसार नहीं वरन् वनाधिकार से संबंधित वर्गों के उत्थान के लिए जिसमें उनके व्यवस्थापन, शिक्षा चिकित्सा ,रोजगार बिजली आदि के लिए किया जाना चाहिए तभी तो उनका विकास संभव है अन्यथा उनके विकास के पैसे से ही सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय प्रचार प्रसार करें तो यह बेमानी होगी इसके लिए विधान सभा से लेकर संसद तक के जनप्रतिनिधि अपनी बात को आदिम जाति कल्याण विभाग के केंद्रीय मंत्रालय को अवगत कराएं ताकि सूचना प्रसारण मंत्रालय भी अपनी जिम्मेदारी आदिवासियों के विकास के लिए ले सके।(गुलजार सिंह मरकाम रासंगोंसक्रांआं)
केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय का काम यह है कि केंद्र सरकार के द्वारा विभिन्न विभागों के क्रियाकलाप और उनके प्रचार एवं प्रसार के लिए अपने मद से राशि आवंटित करना, परंतु मध्य प्रदेश सरकार की कम अकली कहै या अज्ञानता जिसमें आदिवासी विभाग के अंतर्गत आने वाले वनाधिकार अधिनियम के प्रचार प्रसार के लिए आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा प्रस्ताव भेजा जा रहा है जो कि सरासर गलत है यह प्रपोजल वनाधिकार के संबंध में प्रचार प्रसार के लिए सूचना एवं जनसंपर्क विभाग मध्यप्रदेश की ओर से जाना चाहिए परंतु यह प्रपोजल आदिम जाति कल्याण विभाग मध्यप्रदेश के द्वारा भेजा जाना यानी टीएसपी के पैसे से ही प्रचार प्रसार किया जाएगा जबकि टीएसपी का पैसा वनों में काबिज आदिवासियों के समग्र उत्थान के लिए आवंटित होता है इसलिए आप सभी से अनुरोध है की टीएसपी के पैसे से प्रचार-प्रसार नहीं वरन् वनाधिकार से संबंधित वर्गों के उत्थान के लिए जिसमें उनके व्यवस्थापन, शिक्षा चिकित्सा ,रोजगार बिजली आदि के लिए किया जाना चाहिए तभी तो उनका विकास संभव है अन्यथा उनके विकास के पैसे से ही सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय प्रचार प्रसार करें तो यह बेमानी होगी इसके लिए विधान सभा से लेकर संसद तक के जनप्रतिनिधि अपनी बात को आदिम जाति कल्याण विभाग के केंद्रीय मंत्रालय को अवगत कराएं ताकि सूचना प्रसारण मंत्रालय भी अपनी जिम्मेदारी आदिवासियों के विकास के लिए ले सके।(गुलजार सिंह मरकाम रासंगोंसक्रांआं)
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